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कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी को यूं हो रहा तीन गुणा नुकसान-समझे पूरा गणित
Last Updated on October 31, 2022 by sintu kumar
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के चुनावी दौर में वक्त की नजाकत देखिए जो कभी अपने हुआ करते थे, आज वही बागी कहला रहे हैं। नामांकन वापसी के बाद पूरे प्रदेश में तस्वीर साफ है कि किसे बागी (Rebel)कहना है और किसे दागी। कांग्रेस को यहां सात सीटों पर नुकसान है, चूंकि उसके अपने जो टिकट कटने से आहत हुए वह चुनाव मैदान से पीछे नहीं हटे। यानी कांग्रेस के बागियों की संख्या सात है। लेकिन मिशन रिपीट के बाद रिवाज बदलने का नारा देने वाली बीजेपी के तो कांग्रेस से तीन गुणा ज्यादा यानी के 21 बागी मैदान में हैं। ये वो हैं, जिन्हें जेपी नड्डा (JP Nadda) के नेतृत्व वाली बीजेपी ने टिकट नहीं दिया और वह पार्टी से मुखर हो गए। नड्डा ने उनके मान-मनौव्वल की लाख कोशिश की लेकिन नामांकन वापसी के अंतिम दिन वह टस से मस नहीं हुए और मैदान में डटे रहकर अब बागी कहला रहे हैं। यही बागी बीजेपी के लिए बडी सिरदर्द बनते दिख रहे हैं।
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बीजेपी (BJP) को जिन अपनों से चुनौती मिल रही हैं उनमें चार पूर्व विधायक, एक सीटिंग एमएलए, एक मंत्री पुत्र, एक पूर्व सांसद के पुत्र और एक पूर्व सांसद शामिल हैं। पूर्व विधायकों में आनी से किशोरी लाल, नालागढ़ से केएल ठाकुर, इंदौरा से मनोहर धीमान और किन्नौर से तेजवंत नेगी भी मैदान है। इसी तरह देहरा से बीजेपी विधायक होशियार सिंह, फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल परमार, बंजार से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर बागी बनकर बीजेपी के नड्डा के लिए सिरदर्द बन गए हैं।
इसी तरह मंडी (Mandi)सदर से प्रवीण शर्मा सीटिंग विधायक अनिल शर्मा को मुश्किल में डालने के लिए मैदान से पीछे नहीं हटे। बिलासपुर सदर से सुभाष शर्मा, कुल्लू से राम सिंह, कांगड़ा से कुलभाष चौधरी और रोहड़ू से राजेंद्र धीरटा पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए काफी हैं। हमीरपुर (Hamirpur) के भोरंज से बीजेपी के पवन कुमार, नाचन से ज्ञानचंद, धर्मशाला से विपिन नैहरिया , बड़सर से संजीव शर्मा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, चंबा सदर से इंदिरा कपूर और मनाली से महेंद्र सिंह ठाकुर बीजेपी की नींद हराम करने के लिए काफी हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस (Congress) की बात करें तो यहां एक पूर्व मंत्री, दो पूर्व विधायक, एक पूर्व विधायक की पत्नी और एक पूर्व मंत्री का बेटा सिरदर्द बनने वालों में शामिल है। पच्छाद में कांग्रेस कैंडिडेट दयाल प्यारी को पूर्व मंत्री गंगूराम मुसाफिर, सुलह में पूर्व विधायक जगजीवन पाल, चौपाल में पूर्व विधायक डॉ सुभाष मंगलेट, ठियोग से पूर्व विधायक की पत्नी इंदू वर्मा और पूर्व मंत्री स्व जय बिहारी लाल खाची के बेटे विजय पाल खाची और आनी में परसराम कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। कांग्रेस को लगता है कि वह प्रदेश में सरकार बना लेगी,लेकिन (Nomination) नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन के बाद जो तस्वीर उभरकर सामने आई है,वह कांग्रेस के लिए भी डराने वाली है। कांग्रेस अभी भी इन्हें बिठाने के लिए प्रयास कर रही है,पर ये हैं कि मान ही नहीं रहे। खैर देखना होगा कि आने वाले वक्त में ये बागी कहलाने वाले किस दिशा में चलते हैं।