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CM जयराम के दफ्तर में क्लर्क लगवाने के नाम पर ठग लिए 3.80 लाख; फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमाया
Last Updated on October 24, 2020 by
जालंधर/ऊना। पंजाब के जालंधर (Jalandhar) निवासी एक शख्स के साथ ठगी किए जाने का बड़ा मामला सामने आया है। यहां जालंधर के कैमरा विक्रेता से एक व्यक्ति ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सीएम जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) के दफ्तर में क्लर्क लगवाने के नाम पर 3.80 लाख रुपए ठग लिए। इतना ही नहीं ठगी करने वाले व्यक्ति ने कैमरा विक्रेता को हिमाचल सरकार के कार्मिक विभाग का फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी थमा दिया। वहीं, जब शख्स फर्जी ज्वाइनिंग लेटर लेकर उस पते पर पहुंचा तो उसे नौकरी तो दूर, दफ्तर के अंदर भी नहीं घुसने दिया। इसके बाद पीड़ित शख्स ने पुलिस के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने हिमाचल के ऊना जिले के रहने वाले आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
यहां पढ़ें किस तरह हुई ठगी की शुरुआत
बतौर रिपोर्ट्स, जालंधर के बशीरपुरा में रेलवे कालोनी के रहने वाले नवदीप सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका कैमरे लगाने का कारोबार है। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की तहसील बंगाणा डाकखाना तलमेड़ा गांव डीहर (खरोह) का रहने वाला मनोज कुमार उनकी दुकान पर आया और कुछ कैमरे खरीदकर ले गया। बतौर ग्राहक वो उससे बातचीत करते रहते थे। इस दौरान मनोज ने कहा कि उसकी हिमाचल प्रदेश सरकार में अच्छी पहुंच है और सीएम जयराम ठाकुर से सीधा संपर्क है। वह हिमाचल के सीएम के पीएसओ बलवंत कुमार को अच्छी तरह से जानता है और उससे बात कर सीएम दफ्तर, शिमला में क्लर्क की नौकरी लगवा देगा। इसके लिए चार लाख रुपए लगेंगे।
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इसके लिए पहले उसने सितंबर, 2019 के दूसरे हफ्ते में 80 हजार रुपए ले लिए। फिर उसने बाकी पैसे लेने के लिए अपने साथियों के अकाउंट नंबर दे दिए। नवदीप ने साल 16 सितंबर, 2019 में जसकरन के खाते में 50 हजार, 17 सितंबर को आरोपित मनोज कुमार के खाते में 79 हजार, 20 सितंबर को विवेक के खाते में एक लाख रुपए डाले। इसके बाद 21 सितंबर को फिर विवेक के खाते में 45 हजार और अंत में 25 सितंबर को उसके घर 26 हजार रुपए नकद दिए। कुल 3.80 लाख रुपए लेने के बाद मनोज ने भरोसा दिलाया कि उसका काम जल्दी हो जाएगा। इसके बाद आरोपित ने उसे एक सरकारी पत्र दिखाया, जो 25 अक्टूबर 2019 का था और हिमाचल प्रदेश सरकार कार्मिक विभाग की तरफ से जारी था। उसने उसे एक हफ्ते के भीतर नौकरी ज्वाइन करने के लिए कहा था। पत्र में पूरी पे स्केल भी लिखी हुई थी।
पैसे मांगने पर दो चेक थमाए, दोनों हो गए बाउंस
इस पत्र को लेकर वो रोजाना मनोज को मिलते रहे लेकिन वह हर रोज टालता रहा। वह हिमाचल प्रदेश के सीएम दफ्तर में उसे दिए ज्वाइनिंग लेटर के पते पर गया लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उसे दफ्तर के भीतर तक नहीं जाने दिया गया। मनोज से फोन पर बात करने पर उसने भरोसा दिलाया कि उसका काम हो जाएगा। बाद में पैसे वापस मांगे तो मनोज ने उन्हें एक चेक दिया। 50 हजार का यह चेक हिमाचल प्रदेश के तलमेड़ा स्थित पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच का था, जो बाउंस हो गया। उसने फिर डेढ़ लाख का चेक दिया तो वो भी बाउंस हो गया। फिर पैसे मांगे तो उसने गाली-गलौच शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपित मनोज से पूछताछ की तो उसने माना कि उसने नवदीप से साढ़े तीन लाख रुपए लिए हैं। उसने कहा कि वो 28 जनवरी, 2020 तक नवदीप को एक लाख रुपए वापस कर देगा और बाकी रकम भी तय समय में लौटा देगा लेकिन उसने पैसे वापस नहीं किए। इस मामले की जांच एडीसीपी इंवेस्टिगेशन ने की थी। अब पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।