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थाने के बाहर गधों के लिए धरना, मालिकों ने लेने से किया इनकार
घरों में, मंदिरों में और यहां तक की बैंकों (Banks)में चोरी की वारदातों के बारे में आपने सुना होगा। आजकल चोर (Thief ) भी डाका डालने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाते आ रहे हैं, लेकिन राजस्थान (Rajsthan) के हनुमानगढ़ में चोरी का एक अलग ही मामला सामने आया है। यहां एक साथ 70 गधे (Donkey) चोरी हो गए। इन गधों को ढ़ूंढने के लिए पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। अब जो बात हम आपको बताने जा रहे हैं, उस पर आप हंसना नहीं। पुलिस (Police) ने जैसे-तैसे करके इन चोरी हुए गधों को पकड़ तो लिया, लेकिन समस्या यह हो गई कि कौन सा गधा किसका है। इसके लिए पुलिस को थाने में पहचान परेड़ करवानी पड़ी। जानकारी के अनुसार गधों के मालिकों ने जिला के खुईयां शहर क्षेत्र में चोरी की शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन यह मामला अभी तक सुलझा नहीं है।
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मालिकों ने गधों को लेने से किया इनकार
शिकायत के बाद जब पुलिस ने छानबीन की तो उन्हें कई गधे मिल गए और फिर गधों के मालिकों (Owners )को बुलाया गया, ताकि उनकी पहचान हो सके। हालांकि अब उनके मालिकों ने कहा है कि वे बस उनके जानवरों (गधे) के जैसे दिखते हैं, मगर वे उनके नहीं हैं, इसलिए उन्होंने गधों को लेने से इनकार कर दिया है।
यह है मामला
बताया जा रहा है कि जिला के खुईयां इलाके से पिछले कुछ दिनों के दौरान 70 गधे चोरी हो गए। लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो शुरुआत में पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन गधों के मालिकों और माकपा (CPI(M)) कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर थाने जाकर धरना दिया। इससे पुलिस भी हरकत में आ गई और वह गांव-गांव जाकर गधों को ढूंढने में जुट गई। पुलिस 15 गधों को पकड़कर थाने ले आई थी, लेकिन धरना दे रहे लोगों का कहना था कि ये गधे उनके नहीं हैं। प्रदर्शनकारी गधा मालिकों का कहना है कि उन्हें तो उनका ही गधा चाहिए। अब परेशान पुलिस गधा मालिकों को मना रही है कि वे ये गधे ले जाएं, लेकिन वे अपना-अपना गधा ही लेने पर अड़े हुए हैं।
चिंटू-पिंटू और कालू ने नहीं सुनी आवाज
मालिकों ने कहा कि कुछ गधों के नाम चिंटू, पिंटू और कालू रखे गए हैं और जब उन्होंने उन्हें इन नामों से पुकाराए तो इन जानवरों (Animals) में से किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया या हरकत नहीं की, जिससे साबित होता है कि वे उनके जानवर नहीं हैं। प्रदर्शनकारी गधों के मालिकों ने पुलिस से कहा कि गधों को जहां से लाए थे, वहां छोड़ दें और उनके जानवरों को ढूंढ कर लाएं। गधों के मालिकों का कहना है कि गधे उनकी आजीविका का साधन हैं। उनका कहना है कि एक गधे की कीमत करीब 20 हजार रुपए है और इस तरह चोरी हुए 70 गधों की कीमत करीब 14 लाख रुपए बनती है। गधा मालिकों का कहना है कि गधा बोझा उठाने का काम करते हैं और उनके चोरी होने के बाद उनकी आजीविका का साधन समाप्त हो गया है। इस पर खुईयां थाने के एसएचओ (SHO) विजेंद्र शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि श्हमने इन जानवरों का पता लगाने के लिए टीमों का गठन किया है।
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