-
Advertisement
Big Breaking: 100 फीसदी सवारियों के साथ दौड़ेंगी बसें, बस शर्त ये रख दी है
Last Updated on July 1, 2020 by Deepak
शिमला। हिमाचल में अब फुल सीटिंग सवारियों के साथ सड़क पर बसें ( Bus) दौड़ेंगी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोई भी यात्री बसों में खड़ा नहीं होगा। यह बात एचआरटीसी की रिव्यू मीटिंग (HRTC Review Meeting) के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने कही। सीएम ने किराया बढ़ाने से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा कि बेशक पिछले दिनों पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है, इस संबंध में निजी आपरेटरों की भी मांग रही है, लेकिन सरकार का अभी फिलहाल किराया बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। हिमाचल पथ परिवहन निगम को खाका बनाने को कहा कि कोरोना के चलते लॉकडॉउन (Lockdown) में बसें न चलने से एचआरटीसी को 170 करोड़ का नुकसान जो हुआ है उसकी भरपाई कैसे की जा सकती है।
यह भी पढ़ें: अनलॉक-2: क्या अब बिना परमिट होगी Himachal में बाहरी राज्यों से आवाजाही या नहीं-जानिए
जयराम ने कहा कि हालांकि सरकार ने 100 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने की अनुमति प्रदान की है लेकिन समुचित शारीरिक दूरी और मास्क का उपयोग सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चालकों, परिचालकों और यात्रियों को सुरक्षा के मापदण्डों का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राज्य में पायलट आधार पर ई-परिवहन व्यवस्था आरम्भ की जाएगी। इस परियोजना की सफलता के उपरान्त इसे पूरे राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा। इस पहल के अन्तर्गत लोगों को परमिट के नवीनीकरण, ड्राईविंग लाईसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र, सम्बन्धित गतिविधियों और प्री-पेड टैक्सी प्रबन्धन आदि की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे लोगों को सुगमता से परिवहन की सेवाओं का लाभ लेने में सहायता मिलेगी। सीएम ने देश व प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बाहर से आने वाले व्यक्ति का मानिटरिंग जरूरी है इसलिए पास सिस्टम को बरकरार रखा गया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल में सितंबर तक नहीं लगेगा Green Cess-Fitness Fee, लेकिन Vehicle Registration शुल्क हुआ महंगा
निजी बस ऑपरेटरों का नुकसान नहीं करना चाहती सरकार
परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि अभी जो स्थिति बनी है। एक-आध दिन में गाइडलॉइन जारी होगी। हिमाचल में पहले ही ट्रासंपोर्टस को करों में छूट दी है। निजी बसों (Private Bus) पर विशेष चर्चा नहीं हुई है। हिमाचल की जनता जागरूक है। जब जरूरी काम है तभी लोग बाहर निकल रहे। निजी बस आपरेटरों ने सरकार को भरपूर सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार निजी बस आपरेटर्स की समस्या को समझती हैं। उन्होंने गाड़ियां चलाने के प्रयास किए थे पर लोग बसों में यात्रा नहीं कर रहे है। लेकिन व्यवहारिक दिक्कत है। सरकार भी चाहती है निजी बस आपरेटरों का नुकसान न हो। सरकार ने व्यक्तिगत तौर पर निजी आपरेटरों पर निर्णय छोड़ा है जहां उनको लगता है कि सवारियां मिल रही को वे बसें चला सकते हैं। ताकि उनका नुकसान न हो।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group