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#Hathras_Case : परिजनों के विरोध के बीच आधी रात को कर दिया पीड़िता का अंतिम संस्कार
नई दिल्ली। एक तरफ बेटी को खोने का दुख दूसरी तरफ बिना अंतिम दर्शन के उसका संस्कार दूसरों के हाथों होते देखना किसी मां-बाप के लिए इससे लाचार स्थिति और क्या होगी। हाथरस की दलित बिटिया हैवानियत की गई और फिर उसके मरने के बाद परिवारवालों के कभी ना भरने वाले जख्म पर मरहम लगाने की जगह यूपी पुलिस (UP Police) ने उनके जख्मों पर नमक छिड़क दिया। पुलिस ने अपनी मर्जी से हैवानियत की शिकार लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। घरवाले गुहार लगाते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन पुलिस को ये कतई मंजूर नहीं हुआ।
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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में मौत के बाद पुलिस शव को लेकर हाथरस पहुंची। उस वक्त रात के 12 बजकर 45 मिनट हो रहे थे। एंबुलेंस के पहुंचते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज ग्रामीण सड़क पर ही लेट गए। एसपी-डीएम लड़की के बेबस पिता को अंतिम संस्कार के लिए समझाते रहे। घरवालों की तो बस इतनी सी इच्छा थी कि वो अपनी बेटी का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करें। परिजन शव को अपने घर लेकर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस अपनी जिद से टस से मस नहीं हुई। लड़की की मां ने कहा कि हम अपनी बच्ची की विदाई करना चाहते हैं। हल्दी लगानी होती है तभी आखिरी विदाई होती है दरवाजे से। करीब 200 की संख्या में पुलिसवाले घरवालों की मांग ठुकराते हुए लाश को रात 2 बजकर 20 मिनट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। पुलिसवालों ने अंतिम संस्कार (Funeral) के वक्त घेरा बना लिया। किसी को चिता के पास जाने तक नहीं दिया। करीब 25 मिनट बाद खुद ही पुलिस ने चिता को आग लगा दी। पुलिस के इस रवैये पर ग्रामीणों में जबरदस्त गुस्सा है। हालांकि इस मामले में प्रशासन अब सफाई दे रहा है कि घरवालों के सहयोग से ही लड़की का अंतिम संस्कार किया गया है।
गौर हो कि हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर की सुबह 19 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप (Gangrape) की घटना को अंजाम दिया गाय। परिवार वालों का आरोप है कि सुबह साढ़े नौ बजे के करीब चार दबंगों ने लड़की के साथ गैंग रेप और दरिंदगी की। घटना के 9 दिन बाद लड़की होश में आई तो इशारों से अपना दर्द बयान किया। पीड़िता को पहले अलीगढ़ में इलाज के लिए भेजा गया और वहां हालात बिगड़ने पर उन्हें सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया, लेकिन यहां भी पीड़िता को बचाया नहीं जा सका और मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। हाथरस पुलिस चार आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा रही है। योगी सरकार दस लाख रुपये मुआवजे का एलान भी कर चुकी है।