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TB फ्री जिला बनने की ओर बढ़े किन्नौर-कांगड़ा-ऊना-हमीरपुर-लाहुल-स्पीति
शिमला। हिमाचल के पांच जिला टीबी यानी तपेदिक फ्री (Tuberculosis Free) होने की ओर बढ़ चुके हैं। दरअसल भारत सरकार ने टीबी (TB) को 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में सभी जिलों को 2015 के मुकाबले आज से तुलना करते हुए टीबी पर रिपोर्ट (TB Report) तैयार करनी है। इसमें यदि टेस्टिंग (Testing) के बावजूद टीबी के केस कम हुए हैं तो उन्हें मेडल दिया जाएगा। इसमें ब्राउन, सिल्वर, और गोल्ड मेडल शामिल हैं। ऐसे में किन्नौर, कांगड़ा, और ऊना, हमीरपुर जिला (Kinnaur, Kangra, and Una, Hamirpur District) ने ब्राउन मेडल के लिए अप्लाई किया है। इन जिलों का कहना है कि उनके यहां 20 फीसदी तक टीबी केस में कमी आई है। इसके अलावा लाहुल-स्पीति जिला ने सिल्वर मेडल के लिए अप्लाई किया है। अब इसी रिकॉर्ड को केंद्र और राज्यों की टीमों (Team) द्वारा जांचा जा रहा है।
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भारत से 2025 तक तपेदिक यानी टीबी को खत्म करने के लिए कमर कस ली गई है। भारत सरकार ने 2025 तक टीबी को भारत से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसी के मद्देनजर आज केंद्रीय टीम किन्नौर पहुंची। इस टीम की अगुवाई डॉक्टर अशोक भारद्वाज (Dr. Ashok Bhardwaj) ने की। इसके अलावा नोडल अधिकारी डॉक्टर अनमोल गुप्ता और डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉक्टर किरण और डॉ. प्रतीश भी टीम में शामिल रहे। डॉक्टर अनमोल गुप्ता आईजीएमसी के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष हैं। इस दौरान केंद्रीय टीम ने किन्रौर में पहले से ही घर-घर जा कर सर्वे कर रही टीबी टीम को सुपरवाइज किया। इस दौरान केंद्रीय टीम ने केमिस्ट, निजी क्लीनिक संचालकों, डॉक्टरों और टीबी का इलाज करवा रहे मरीजों से भी बात की।
साथ ही टीबी मरीजों के रिकॉर्ड कर तैयार कर जिला मुख्यालय भेजने के बारे में भी जानकारी दी गई। केंद्रीय दल ने पीएचसी उर्नी और काटनू गांव को भी दौरा किया। इस मौके पर सीएमओ डॉक्टर सोनम नेगी भी मौजूद रहे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एक अन्य राज्य टीम ने भी पूह और सांगला ब्लॉक का दौरा किया। इस टीम ने भी टीबी के लिए दी जा रही सुविधाओं को परखा। इस टीम में डॉ. अशोक चौहान, जिला तपेदिक अधिकारी शिमला और डॉ. रेशम सिंह, डीटीओ किन्नौर डॉ. सुधीर नेगी शामिल थे। इस दौरान प्रोफेसर अशोक भारद्वाज ने बताया कि टीबी को लेकर की जा रही एक्टिविटी में किन्नौर जिला देश भर में पहले नंबर है। इसी बात को सत्यापित करने और क्या जिला किन्नौर टीबी फ्री जिला बनने के लिए तैयार इस जांचने के लिए टीम यहां पहुंची है। इसके अलावा और लाहुल-स्पीति के रिकॉर्ड वैरिफाई करने के लिए भी एक टीम बनाई गई। इस टीम में नेरचौक मेडिकल कॉलेज से डॉ. अक्षय मिन्हास (Dr. Akshay Minhas) और आईजीएमसी से डॉ. राकेश ठाकुर शामिल हैं। इस टीम ने एक दिवसीय कार्यशाला में भी हिस्सा लिया।
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