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ज्वालामुखी मंदिर : गैर हिंदुओं की तैनाती पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए सवाल, DC ने दिया जवाब
नई दिल्ली/कांगड़ा। हिमाचल कांगड़ा जिला के प्रसिद्ध शक्ति पीठ ज्वालामुखी मंदिर (Jwalamukhi Temple) में गो गैर हिंदू कर्मचारियों की तैनाती पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने सवाल उठाया है। यही नहीं, इस बाबत उन्होंने कई ट्विट धड़ाधड़ कर दिए। इसके बाद उपायुक्त कांगड़ा ( DC kangra) राकेश प्रजापति ने भी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को रिप्लाई कर ट्विट किया। बहरहाल पूरा मामला भी आपको समझाएंगे, लेकिन बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) के ट्विट के बाद से मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। उधर, हिमाचल (Himachal) में भी धर्म आधारित चर्चाएं सोशल मीडिया में छिड़ गई हैं।
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Any idea about this? pic.twitter.com/v290reRLcc
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 21, 2021
आखिर क्या है पूरा मामला
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दरअसल आज तीन ट्विट किए। ट्विट में सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा कि हिमाचल प्रदेश में प्रशासन ने गैर हिंदुओं को नियुक्त कर रखा है। ज्वालामुखी मंदिर एक शक्ति पीठ है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अधिकांश मंदिरों को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया है। राजनेता और बाबू, हिंदू मंदिरों को अपनी निजी संपत्ति के रूप में चलाते हैं। मंदिर प्रशासन सीधे सीएम के अधीन आता है और गैर हिंदुओं को यहां नौकरी पर रखा गया है।
Both appointed in temple in 2017 by the Previous GOVT. People objected to their presence around temple even though they were posted in the temple RESTHOUSE. So I transferred them 50 KMs away to District Headquarters in order to maintain communal harmony & Law and Order.@swamy39 pic.twitter.com/k3Xdd9u3yV
— DC Kangra (@DcKangra) March 21, 2021
इसके बाद उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने भी रिप्लाई करते हुए ट्विट किया। इस ट्विट में उन्होंने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को टैग भी किया। डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने लिखा कि दोनों कर्मचारियों को पिछली सरकार द्वारा 2017 में नियुक्त किया गया था। लोगों द्वारा मंदिर के आसपास उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई गई हालांकि वो मंदिर के रेस्ट हाउस पर तैनात किए गए थे। ऐसे में मैंने सांप्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें 50 किलोमीटर दूर उन्हें मुख्यालय स्थानांतरित कर दिया है। हालांकि सारा मामला आज ट्विटर पर उजागर हुआ, लेकिन आदेशों की कॉपी के मुताबिक दोनों गैर हिंदू कर्मचारियों के तबादला आदेश 18 मार्च को ही जारी किए जा चुके थे। दोनों कर्मचारियों को तबादला आदेश जारी होने के सात दिन के भीतर जिला मुख्यालय ज्वाइन करने के लिए कहा गया है।
हिमगिरि हिंदू महासभा ने सौंपा था ज्ञापन
आपको बता दें कि बीते 18 मार्च को ही विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में दो गैर हिंदू कर्मियों की नियुक्ति का हिमगिरी हिंदू महासभा ने भी विरोध किया था। हिमगिरी हिंदू महासभा के मुताबिक गैर हिंदू कर्मियों को लंगर सेवादार के रूप में करने स्थाई नियुक्ति दी जा रही थी। इसी के विरोध में हिमगिरि हिंदू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा की अगुवाई में दर्जनों सदस्यों ने एसडीएम अंकुश शर्मा को नियुक्तियों को निरस्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा था। इसके साथ ही महासभा ने चेताया था कि यदि नियुक्तियां निरस्त नहीं होती हैं तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। हिमगिरि हिंदू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा ने कहा था कि कि हिंदू मंदिर ज्वालामुखी में 32 वर्षों से कार्यरत कर्मियों को स्थाई नियुक्ति से दरकिनार कर विशेष समुदाय के दो कर्मियों को स्थाई निुयक्ति दी जा रही है, जिसे तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए।