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कांगड़ा। जिला प्रशासन की ओर से कांगड़ा (Kangra) जिला के शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी, मां बज्रेश्वरी, चामुंडा मंदिर, बैजनाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, भागसू नाग मंदिर सहित प्रमुख प्रसिद्ध मंदिरों में श्रद्धालुओं को हवन व यज्ञ (Havan and Yagna) करने की अनुमति प्रदान कर दी है। हालांकि इस दौरान प्रशासन की ओर से जारी एसओपी (SOP) का पालना करना होगा, ऐसे में हवन-यज्ञ के दौरान ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे। शक्तिपीठों के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया है।
सात माह के बाद श्रद्धालुओं को हवन यज्ञ करने का मौका दिया गया है। बता दें कि पुजारियों ने मंदिरों में हवन यज्ञ शुरू करवाने के लिए आग्रह किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने शक्तिपीठों में हवन यज्ञ व अनुष्ठान की इजाजत दे दी है। कोरोना (Corona) के चलते मार्च माह के अंत में मंदिरों को बंद किया गया था और हवन-यज्ञ की भी मनाही की गई थी। हालांकि सरकार ने एसओपी जारी करके पहले मंदिरों (Temple) को खोलने की अनुमति प्रदान की और अब हवन-यज्ञ के लिए भी नियमों के तहत अनुमति प्रदान कर दी गई है।
इस संबंध में जिला प्रशासन (District Administration) की ओर से बाकायदा शक्तिपीठ मां ज्वालामुखी, मां बज्रेश्वरी, चामुंडा मंदिर, बैजनाथ मंदिर, महाकाल मंदिर, भागसू नाग मंदिर अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। डीसी कांगड़ा (DC Kangra) राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि पुजारी वर्ग की ओर से लगातार मंदिरों में हवन-यज्ञ करने की अनुमति के लिए आग्रह किया जा रहा था। इस पर जिला के समस्त मंदिरों में हवन-यज्ञ की अनुमति प्रदान कर दी गई है। मंदिर अधिकारियों को प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों तथा सुरक्षा मापदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
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