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घर बैठे ऐसे बनाएं वसीयत-खर्चा भी नाममात्र का लगेगा,एक क्लिक पर जाने
वसीयत मतलब किसी की भी मौत के बाद एक ऐसा दस्तावेज (Document after Death) जो किसी को भी लीगल तौर पर संपत्ति का हिस्सेदार (Legally Owner) बनाता है। कहने का मतलब ये कि जिसके नाम पर वसीयत की गई हो, करने वाले की मौत के बाद वह उस संपत्ति (Property) का हकदार हो जाता है,जो वसीयत में लिखा गया होता है। कोरोना काल में बहुत सारे लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या होगा पता नहीं,ऐसी स्थिति में बिना देरी किए ये काम कोई भी घर बैठे भी कर सकता है। ऑनलाइन वसीयत का खर्च भी तीन से छह हजार के बीच बैठ रहा है।
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वसीयत (Will)एक कानूनी प्रक्रिया है,इसे बनवाते समय बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होता है। वर्तमान में एसबीआई कैप (SBI Cap) सहित कई संस्थाएं ऑनलाइन वसीयत (Online Will)की सुविधा दे रही हैं। तीन से छह हजार के खर्च का भुगतान भी डिजिटल (Digital) तरीके से ही करना होता है। इसमें जीएसटी (GST) व स्टांप शुल्क शामिल रहता है। एसबीआई कैप समेत कई कंपनियां इस काम के लिए आपकी मदद करती हैं।
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अभी तक यही माना जाता था कि आदमी रिटायर होने के बाद बुढ़ापा महसूस करने लगता है,उस वक्त वसीयत के बारे में सोचना शुरू करता है। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा,वक्त बीतने के साथ-साथ अब छोटी उम्र भी लोग अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वसीयत करने लगे हैं। ताकि कुछ भी अनहोनी होने पर बाद में बच्चों को कानूनी पचड़े में ना पड़ना पड़े। यूं तो जो भी कोई 21 साल की उम्र पार कर चुका है वह वसीयत बनवा सकता है। जरूरी नहीं है कि वसीयत स्टांप पेपर पर ही की जाए,उसे कोई सादे कागज पर भी कर सकता है। लेकिन उस पर दो गवाहों के हस्ताक्षर (signature of Witnesses) होना जरूरी होते हैं। हां,ये जरूर है कि अगर वसीयत को पंजीकृत करवा लिया जाए तो उसमें धोखाधड़ी की आशंका कम हो जाती है।