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High Court: ना का मतलब नहीं ही होता पर कुछ पुरुषों को समझना मुश्किल
Last Updated on May 7, 2021 by
शिमला। ना का मतलब नहीं ही होता है। मगर सबसे सरल वाक्य कुछ पुरुषों को समझना मुश्किल है। ना का मतलब हां नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि लड़की शर्मीली है। इसका मतलब यह नहीं है कि लड़की एक आदमी को कह रही है कि वह उसे राजी करें। इसका मतलब यह नहीं है कि वह उसका पीछा करना जारी रखे। 17 साल की युवती के साथ बदसलूकी करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट (High Court) के न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने कहा कि ना शब्द को किसी और स्पष्टीकरण या औचित्य की आवश्यकता नहीं है। यह वहां समाप्त होता है, जहां आदमी को रोकना होता है।
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अदालत (Court) ने आगे कहा कि पीड़िता के अनुसार ना कहने के बावजूद आरोपी ने पीड़िता को छूना जारी रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 17 दिसंबर, 2020 को, पीड़िता राजगढ़ बस स्टैंड (जिला सिरमौर) पर बस का इंतजार कर रही थी। आरोपी, जो उसका दोस्त था, अपनी पिकअप जीप में पहुंचा और पेशकश की कि वह उसे उसके घर पर छोड़ देगा। पीड़िता वाहन में बैठ गई, लेकिन आरोपी सही रास्ते की बजाय किसी अन्य रास्ते में चक्कर लगाने लगा। पीड़िता के पूछने पर उसने कहा कि वह आगे यू-टर्न (U Turn) ले लेगा और उसे उसके घर छोड़ देगा। हालांकि उसने ऐसा नहीं किया। जीप (Jeep) को एकांत जगह पर ले गया और अनुचित रूप से पीड़िता को छूना शुरू कर दिया। लड़की ने छूने से ना कहा। मगर उस पर इसका असर नहीं हुआ। फिर उसने उससे पूछा कि क्या वह उससे शादी करेगी। लड़की ने उसे शादी के लिए ना कहा। उसके बाद उसने उससे बदसलूकी की। इन आरोपों के आधार पर पुलिस (Police) ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत राजगढ़ पुलिस स्टेशन में 17 दिसंबर, 2020 को मामला दर्ज किया।