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खाने का तेल होगा और सस्ता, सरकार के इस फैसले का पड़ेगा असर
Last Updated on June 18, 2021 by saroj patrwal
आपकी रसोई का खर्च जेब के मुताबिक ठीक बैठने की उम्मीद जगी है। यानी सरकार के एक फैसले की वजह से खाने का तेल सस्ता होने जा रहा है। सरकार ने पाम तेल सहित विभिन्न खाद्य तेलों (Edible oils including Palm oil) के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन तक की कमी (Reduced Import Duty Value) की है। इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम हो सकती हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs) ने अधिसूचना जारी कर कच्चे पाम तेल के आयात शुल्क मूल्य में 86 डॉलर प्रति टन और आरबीडी व कच्चे पामोलिन के आयात शुल्क मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन की कटौती करने की बात कही है। बोर्ड ने कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 37 डॉलर प्रति टन कटौती कर दी है। खाद्य तेल के आयात शुल्क मूल्य में यह कटौती बीते कल से ही प्रभाव में आ गई है।
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एएमआरजी एंड एसोसिएटस के पार्टनर रजत मोहन (Rajat Mohan, Partner, AMRG & Associates) के मुताबिक खाद्य तेल तिलहन की घरेलू खपत और मांग के बीच देश में बड़ा फासला है जिसकी वजह से इनका बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है, पिछले कुछ माह के दौरान इनके खुदरा मूल्य में तेजी आई है। उनका कहना है कि आधारभूत आयात मूल्य में होने वाले इस बदलाव का खुदरा दाम पर असर पड़ सकता है बशर्ते कि विनिर्माता, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं सहित पूरी आपूर्ति श्रृंखला से इस कटौती का लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया जाए। देश में खाद्य तेलों की दो तिहाई मांग की पूर्ति आयात से होती है, पिछले एक वर्ष में खाद्य तेलों के दाम तेजी से बढ़े हैं।