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गुलाम मानसिकता का समर्थन करने के बजाय लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करें : आईडी भंडारी
शिमला। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) के निधन के बाद विक्रमादित्य को रामपुर बुशहर रियासत का 123वां राजा बनाया गया है। वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले पद्म पैलेस में ही उनका राजतिलक किया गया। इसी राज्याभिषेक के साथ अब विक्रमादित्य (vikramaditya singh) बुशहर रियासत के अगले राजा बन चुके हैं। हालांकि देश से बहुत पहले ही राजशाही खत्म हो चुकी है, लेकिन राजतिलक के इस पूरे घटनाक्रम पर कई लोग आपत्ति भी जाहिर कर रहे हैं उन्हीं में से एक हैं हिमाचल के पूर्व डीजीपी आईडी भंडारी(ID Bhandari) । हिमाचल पुलिस प्रमुख रह चुके आईडी भंडारी ने विक्रमादित्य के राज्याभिषेक (Vikramaditya Coronation) को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने कई तीखी टिप्पणियां की हैं।
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आईडी भंडारी ने फेसबुक पर लिखा है कि ये क्या हो रहा है! विरासत का उच्चारण करना एक बात है लेकिन राजशाही का प्रतिनिधि घोषित करना एक और बात है । हमारे आदरणीय वीरभद्र सिंह के निधन पर मैं किसी और की तरह दुखी हूं। वीरभद्र सिंह जिनका मैं हमेशा सम्मान करता था, लेकिन एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक के रूप में मैं मध्यकालीन राज्याभिषेक को संप्रभु के रूप में पचा नहीं सकता। यहां क्या हो रहा है! कामना है कि गुलामी वाली मानसिकता का समर्थन करने के बजाय हम लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करें और उन पर गर्व करें। हो सकता है लोकतंत्र और कानून पर मेरे प्रबल विश्वास के कारण मैं गलत हूं। लेकिन उन लोगों के लिए मुझे अफसोस हो रहा है जो इस तरह की अतार्किक और अवास्तविक परंपराओं का समर्थन कर रहे हैं। लज्जाजनक अतीत हमारा भविष्य नहीं हो सकता है । क्षमा करें।
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आपको बता दें कि आईडी भंडारी हिमाचल पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। उनके इस पोस्ट पर मिश्रित टिप्णियां आ रही हैं। कोई उनके पोस्ट के समर्थन में है तो कोई उन्हें उल्लाहनाएं दे रहा है। यहां आपको बता दें कि आईडी भंडारी को वीरभद्र सरकार में पुलिस महानिदेशक के पद से हटाया गया था और उन पर फोन टैपिंग के आरोप भी लगाए गए थे। हालांकि पूरा मामला कोर्ट पहुंचा और वहां से आईडी भंडारी को क्लीन चिट मिली। इस पूरे प्रकरण पर आईडी भंडारी ने मिड नाइट रेड नाम से एक किताब भी लिखी है।