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हिमाचल उपचुनाव: BJP की राह मुशिकल, यहां मंडल सहित मोर्चों पदाधिकारियों ने दिए इस्तीफे
Last Updated on October 15, 2021 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल में उपचुनाव में बागी तेवर अपनाने वाले चेतन बरागटा को बीजेपी ने पार्टी से तो निष्कासित (Expelled) कर दिया, लेकिन इससे पार्टी की मुशिकलें कम नहीं हुईं हैं। शिमला जिले के जुब्बल-नावर-कोटखाई में बीजेपी की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। चेतन बरागटा के निष्कासन के बाद से नाराज बीजेपी के पदाधिकारी अपने इस्तीफे दे रहे हैं। शुक्रवार को भी बीजेपी मंडल (BJP Mandal) अध्यक्ष ने पूरी कार्यकारिणी सहित अपना त्याग पत्र पार्टी हाईकमान को भेज दिया है। इसके साथ ही युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष सहित सैकड़ों पदाधिकारियों ने पार्टी से त्याग पत्र (Resignation Letter) दे दिया है। बीजेपी जिला कार्यकारिणी में शामिल पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे दे दिए हैं।
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बीजेपी से इस्तीफे देने वाले सभी लोग चेतन बरागटा (Chetan Bragta) के पक्ष में चुनाव प्रचार करने में जुट गए हैं। ऐसे में बीजेपी की राह मुशिकल होती दिख रही है। बता दें कि उपचुनाव में चेतन बरागटा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। चेतन बरागटा का बीजेपी प्रदेश आईटी संयोजक पद से निष्कासन के बाद शुक्रवार को बीजेपी मंडल अध्यक्ष सहित बीजेपी पदाधिकारियों ने भी अपने पदों से त्याग पत्र दे दिया है। महिला मोर्चा अध्यक्ष नैना तनेटा, युवा मोर्चा अध्यक्ष जतिन चौहान, किसान मोर्चा अध्यक्ष मनोज सुंटा ने सैकड़ों पदाधिकारियों सहित त्याग पत्र पार्टी हाईकमान को भेज दिया है। बीजेपी के बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारियों में जैसे इस्तीफे देने की होड़ लग गई है। लोग फेसबुक पर पोस्ट डालकर अपने पदों से त्यागपत्र दे रहे हैं।
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तीन माह से चेतन के लिए मांगे जा रहे थे वोट
जानकारी देते हुए बीजेपी मंडल अध्यक्ष गोपाल ने बताया कि पार्टी ने नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद उनके बेटे चेतन को 15 दिनों के अंदर ही क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिसके चलते चेतन बरागटा को पूरे क्षेत्र में घुमाकर बीजेपी का प्रत्याशी (BJP Candidate) बताया और उनके लिए वोट मांगे थे। बीजेपी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी चेतन बरागटा के लिए तीन माह से वोट मांग रहे थे। लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो मंडल के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को विश्वास में लिए बिना टिकट किसी और को दिया गया। अब बीजेपी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता अपने सम्मान व अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। सभी ने पार्टी हाईकमान को अपने इस्तीफे दे दिए हैं।