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केरल में वैक्सीनेटेड लोग भी हो रहे कोरोना के शिकार, खतरे का संकेत?
त्रिवेंद्रम। देश में भले ही 287 दिन बाद कोरोना (Corona) के सबसे कम मामले दर्ज किए गए हों, लेकिन चिंता की लकीरें अभी तक मिटी नहीं है। इसकी वजहें एक बार फिर दक्षिणी राज्य से सामने आ रही है। करेल में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके यानी वैक्सीनेटेड लोग भी कोरोना के चपेट में आ रहे हैं। केरल में प्रतिदिन दर्ज किए जा रहे केस में करीब 40 फीसदी ऐसे मामले हैं, जिन्हें कोरोना की दोनों डोज लगाई जा चुकी थी। उसके बाद भी लोग कोरोना के शिकार हो रहे हैं।
क्या होता है ब्रेकथ्रू? क्यों है यह चिंता की बात
ब्रेकथ्रू इंफेक्शन का मतलब पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के बाद भी कोरोना से संक्रमित हो जाना। जिस तरह केरल में ब्रेकथ्रू केसेस बढ़ रहे हैं, उसी तरह यूरोप (Europe) के भी कई देश नए केसेस से परेशान हैं। यूरोप में कोरोना रोज नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है। यूरोप व एशिया में कोरोना की तीसरी लहर की आहट हमारे लिए चिंता का कारण है। भारत में कोरोना की शुरआत केरल से ही हुई थी। वहां वैक्सीनेशन की रफ्तार भी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। पर वैक्सीनेशन के बाद भी केरल में लोग बड़ी मात्रा में संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में संभव है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के बाद सरकार को बूस्टर डोज अभियान भी शुरु करना पड़े।
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40 फीसदी मामले ब्रेकथ्रू के
हालांकि, देश भर के साथ साथ केरल में भी कोरोना की रफ्तार धीमी जरूर हुई है। लेकिन अभी भी पूरे देश में सबसे ज्यादा केस केरल में ही आ रहे हैं। केरल में पिछले एक हफ्ते से रोजाना औसतन 6,600 नए केस सामने आ रहे हैं। चिंता की बात ये है कि कुल केस में करीब 40% मामले ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के है। जबकि राज्य की 95% आबादी को वैक्सीन का सिंगल डोज और 60% को दोनों डोज लग चुके हैं।
20 लाख से अधिक केस दर्ज
वहीं, बीते एक हफ्ते में यूरोप में कोरोना के 20 लाख से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। व कोरोना की वजह से हो रही कुल मौतें में से करीब आधी मौतें यूरोपीयन देशों में हो रही हैं। साथ ही कुल केस के 60% केस यूरोप में सामने आ रहे हैं। कोरोना केस उन देशों में भी बढ़ रहे हैं, जहां कि लगभग आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो गई हैं। जर्मनी में 10 नवंबर को 51 हजार नए केस मिले हैं, ये अब तक एक दिन में मिले सबसे ज्यादा केस हैं। जबकि, जर्मनी की 67% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है। इसी तरह ब्रिटेन में भी हर रोज औसतन 37 हजार नए केसेस आ रहे हैं, जबकि ब्रिटेन की 68% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है।
जानकारों ने सरकार को दी चेतावनी
कोरोना से निपटने के लिए केरल सरकार द्वारा बनाए गए एक्सपर्ट ग्रुप के डॉक्टर अनीश टीएस ने भी केरल सरकार को चेताया है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि महामारी विज्ञान की दृष्टि से केरल और यूरोप में कई समानताएं हैं। वहां अगर केस बढ़ रहे हैं, तो आशंका है कि केरल में भी केस बढ़ सकते हैं।