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हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट-2021 शुरू
Last Updated on November 26, 2021 by Neha Raina
चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के विश्व विख्यात पर्यटन स्थल खजियार में हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट 2021 (himalayan monal national aerofest 2021) का शुभारंभ किया गया। प्रतियोगिता में पैराग्लाइडिंग, एक्रोबैटिक पैराग्लाइडिंग शो, आरसी पैरामीटर शो और आरसी ड्रोन शो भी आयोजित किए जा रहे हैं।
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प्रतिस्पर्धाओं में 15 राज्यों से लगभग 100 के करीब प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिभागियों में भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के दल भी शामिल हैं। चलो चंबा अभियान की श्रृंखला में यह शुभारंभ शुक्रवार को डलहौजी एयरफोर्स स्टेशन के ग्रुप कमांडर प्रदीप भारद्वाज ने किया। उन्होंने इस दौरान प्रतियोगिता ध्वज फहराने के साथ प्रतिभागियों को हरी झंडी दिखाकर पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
ग्रुप कमांडर प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि जिला प्रशासन की पहल पर आधारित चलो चंबा अभियान के अंतर्गत आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं से निसंदेह पर्यटन व्यवसाय को और अधिक विस्तार मिलने के साथ जिला की समृद्ध कला एवं संस्कृति के संवर्धन में भी यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्र स्तरीय पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता के आयोजन से ना केवल अन्य राज्यों से आए प्रतिभागियों को यहां के नैसर्गिक सौंदर्य और कला संस्कृति के दीदार का अवसर उपलब्ध होगा बल्कि स्थानीय युवाओं को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैराग्लाइडिंग में अपनी पहचान बना चुके पायलटों से सीधे संवाद का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य में उड़ान की इच्छा अवश्य होती है। लोग उड़ने का आनंद भी लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में इस तरह की साहसिक गतिविधियां आयोजित होती हैं तो उस अवस्था में पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध होते हैं। वहीं, चंबा डीसी राणा ने बताया कि हिमालयन मोनाल नेशनल एरोफेस्ट 2021 का आयोजन चलो चंबा अभियान के तहत चौथी प्रतिस्पर्धा है। इससे पहले दि हिमालयन घोरल 9वीं राष्ट्रीय ड्रैगन बोट रेस प्रतियोगिता, माउंटेन बाइकिंग और रैली ऑफ चंबा का सफल आयोजन किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि चलो चंबा अभियान के तहत जिला के विभिन्न स्थानों में एक वर्ष तक आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं की रूपरेखा को तैयार किया गया है। जिससे ना केवल जिला के अनछुए पर्यटन स्थलों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाया जा सकेगा, जबकि जिला की समृद्ध कला संस्कृति के मद्देनजर कलाकारों, शिल्पकारों ,दस्तकारों और पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से आजीविका अर्जन करने वाले लोगों के साथ युवाओं में भी आर्थिक स्वावलंबन के नए अवसर उपलब्ध होंगे।