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सौ घंटे से जल रहे शिमला के जंगल, आग बुझाने में जुटे 120 जवान
शिमला। हर साल गर्मियों में हिमाचल (Himachal) के जंगल जलते है और जंगलों को बचाने के लिए भी हर साल कसमें भी खाई जाती हैं। फिर यह आग (Fire) की लपटें उठती क्यों है, यह सवाल 100 घंटे से जल रहा तारा देवी के जंगल (Tara Devi Forest) के आसपास के लोग उठा रहे हैं। आग अभी भी लगी हुई है और करीब सात किलोमीटर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा चुकी है। आग बुझाने में फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) कर्मियों के साथ स्थानीय लोग भी मदद कर रहे है। आग बुझाने में 120 जवान जुटे हुए हैं।
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इस आग में अब तक लाखों की वन संपदा (Forest Wealth) जलकर राख हो चुकी है। कई वन्य जीवों का आश्रय छिन चुका है तो कई इस आग की चपेट में आकर राख बन गए हैं। इसके अलावा शिमला (Shimla) के भरयाल कूड़ा संयंत्र में आज सुबह फिर आग की लपटें फिर से भड़क उठीं। जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों को अपने आशियानों के जलने का डर भी सता रहा है। लोगों की रात की नींद उठने लगी है। शिमला के जंगल रातभर सुलगते रहे हैं। फायर ब्रिगेड विभाग के अनुसार तारादेवी, संकटमोचन, भरयाल और चक्कर जंगलों आग लगी हुई है।
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राजधानी में जंगलों की आग को काबू पाने के लिए सबसे ज्यादा कमी फायर ब्रिगेड वाहनों (Fire Brigade Vehicles) की खिल रही हैं तारादेवी के जंगल में वीरवार शाम से ही आग लगी हुई है] जबकि संकटमोचन] चलौठी] भरयाल और चक्कर के जंगल में रात और सुबह से आग लगी हुई है। शहर में चौरतफा आग होने से लोग डरे व सहमे हुए हैं] क्योंकि इन जंगलों के साथ लगते एरिया में रिहायशी कॉलोनियां भी है।