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भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं तोप से उड़ाने वाले देश के छात्र ने बुद्ध पूर्णिमा पर किया रक्तदान
Last Updated on May 16, 2022 by Vishal Rana
शिमला। जिस देश ने बुद्ध की प्रतिमाएं को अपनी तोपों से उड़ा दिया था। उसी देश के एक छात्र ने आज यानी सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) पर लगाए गए रक्तदान शिविर (Blood Donated Camp) में रक्तदान कर एक मिसाल पेश की है। यह छात्र अफगानिस्तान (Afghanistan) का रहने वाला है और इन दिनों शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ रहे अफगानिस्तान के दृष्टिबाधित छात्र मिसबाहुद्दीन ने बुद्ध पूर्णिमा पर उमंग फाउंडेशन (Umang Foundation) के शिविर में रक्तदान कर एक इतिहास रच दिया। वह उस मुस्लिम देश का रहने वाला है, जहां ठीक 21 वर्ष पहले यूनेस्को की विश्व विरासत घोषित भगवान बुद्ध की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमाओं को तालिबान ने तोप से उड़ा दिया था। मिसबाहुद्दीन शिमला (Shimla) में कई वर्षों से रह कर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है।
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मिसबाहुद्दीन का उमंग फाउंडेशन के कार्यों से गहरा लगाव है। पहले कोरोना महामारी और उसके बाद अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वह अपने देश से अलग-थलग है। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने उसे रक्तदान के लिए प्रेरित किया था। उसने कहा कि तालिबान को भारत या बुद्ध से नफरत हो सकती है, लेकिन अफगानिस्तान के आम लोग ऐसे नहीं हैं। वे भारत को प्यार करते हैं। मिसबाहुद्दीन ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा पर पहली बार रक्त दान करके उसे ऐसा लगा कि वह कोई नेक काम कर रहा है।
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