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अब नाक से दी जा सकेगी कोरोना वैक्सीन, मिली कामयाबी
देश आज आजादी का जश्न मना रहा है। आज के ही दिन कोरोना से जंग जीतने में भी एक बड़ी कामयाबी मिली है। अब कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटैक ने कोरोना की नेजल वैक्सीन के ट्रायल में सफलता हासिल कर ली है। अब कोरोना वैक्सीन नाक के जरिए दी जा सकेगी। इस वैक्सीन को वैज्ञानिक नाम बीबीवी 154 (BBV 154) है। इस संबंध दो ट्रायल चले हुए थे। इसमें पहला ट्रायल कोरोना की दो डोज वाली प्राइमरी वैक्सीन को लेकर चल रहा था। वहीं दूसरा बूस्टर डोज के तौर पर चला हुआ था। इसमें ट्रायल यह था कि कोवीशील्ड और कोवैक्सीन लगाने वाले दोनों तरह के लोगों को डोज लगाई जा सके। इन दोनों के ही तीसरे चरण के ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल (human clinical trial) पूरे हो गए हैं और इसका डाटा ड्रग कंट्रोलर को जमा किया गया हैफ।अब ड्रग कंट्रोलर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी इस डाटा का रिव्यू करेगी0।
बताया जा रहा है कि दो डोज वाली नेजल वैक्सीन (nasal vaccine) के ट्रायल 3100 लोगों पर किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भारत में 14 जगहों पर ट्रायल किए गए हैं। वहीं हेटेरो लोगस बूस्टर डोज के ट्रायल 875 लोगों पर किए गए। वहीं इंडिया में भी नौ स्थानों पर ऐसे ट्रायल किए गए। दोनों ही ट्रायलों में किसी को भी कोई परेशानी नहीं हुई। हेटेरो लोगस बूस्टर (heterologous booster) डोज यानी ऐसी वैक्सीन जो कोवैक्सीन और कोवीशील्ड लगवा चुके लोग भी लगवा सकेंगे। शुरुआती नतीजों के मुताबिक नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वास नली और फेफड़ों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा कर सकती हैए जिससे इंफेक्शन घटता है और संक्रमण कम फैल पाता है। हालांकि इसकी और स्टडी भी की जा रही है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने वाशिंगटन की सेंट लुईस यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर बनाया है।