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नहीं होगी आकाश को फांसीः हाईकोर्ट ने फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के बाद हत्या से जुड़े मामले में दोषी को सुनाई मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा की यह रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस का मामला नहीं बनता। यह मामला इसी साल हाईकोर्ट पहुंचा था। 7 वर्षीय मासूम बच्ची का अपहरण करने के बाद दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में उत्तर प्रदेश के आकाश को सोलन की अदालत ने सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात आकाश को दोषी तो माना परंतु उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
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दोषी आकाश की ओर से भी फास्ट ट्रैक कोर्ट सोलन द्वारा पारित फैसले को अपील के माध्यम से चुनौती दी गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर सजा में तब्दीली की। वर्ष 2017 में यूपी के रहने वाले दोषी ने अपहरण के बाद बच्ची के साथ दुराचार किया था। इतना ही नहीं, इसके बाद दोषी आकाश ने बच्ची का गला घोंट कर बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी। बाद में मामले की जांच में पता चला था कि दरिंदगी की हदें पार करते हुए बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाला गया था।