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लोक सेवा आयोग के चेयरमैन-सदस्यों को बिना पेंशन काटे मिलेगी पूरी सेलरी: हिमाचल हाईकोर्ट
शिमला। सेवानिवृति के बाद नियुक्त लोक सेवा आयोग (Public Service Commission) के चेयरमैन और सदस्यों (Chairman and Members) को बिना पेंशन काटे मिलेगी पूरी सेलरी। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने सरकार की अपील को खारिज करते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए की वह प्रार्थियों की सेलरी का बकाया एकल पीठ के आदेशानुसार 6 फीसदी ब्याज सहित अदा करे। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले से जुड़ी अपील और अन्य याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किए। मामले के अनुसार विभिन्न सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत (Retired) होने के पश्चात लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्य के पदों पर नियुक्ति पाने वालों को सरकार पेंशन काट कर वेतन देती आ रही है। इन्हें मिलने वाला वेतन वितायुक्त को मिलने वाली सेलरी के बराबर देने का प्रावधान है।
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याचिकाकर्ता सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल बीएस ठाकुर, प्रेम चंद कटोच, शैलेंद्र निगम, सेवानिवृत ब्रिगेडियर लोकिंदर सिंह ठाकुर, अरविंद कॉल, डॉ मान सिंह, सेवानिवृत मेजर जनरल डीवीएस राणा, मोहन लाल चौहान, मीरा वालिया और परदीप सिंह चौहान ने याचिकाएं दायर कर सेलरी से पेंशन काटने के प्रावधान को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। प्रार्थियों का आरोप था कि वे संवैधानिक पद पर नियुक्त हुए थे और उनके वेतन को सेवा में रहते हुए पाई गई अंतिम सेलरी से कम नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि प्रार्थियों को सरकारी नौकर (Govt Jobs) नहीं कहा जा सकता क्योंकि वे संवैधानिक पद पर तैनात होते हैं। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद उन्हें पेंशन के साथ-साथ वितायुक्त के बराबर की सेलरी मिलेगी और सरकार को बकाया राशि पर 6 फीसदी ब्याज भी देना होगा।
सहायक प्रोफेसर के पद का परिणाम घोषित करने पर राज्य सरकार से मांगा जवाब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय द्वारा सहायक प्रोफेसर के पद का परिणाम घोषित करने के आग्रह को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार व विश्वविद्यालय को जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 13 मार्च को निर्धारित की है।