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पूर्व सीएम का हमलाः ये सरकार इंतजार की सरकार, हर कोई कर रहा इंतजार
शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार इंतजार की सरकार है। कर्मचारी ओपीएस नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं , महिलाएं 15 रुपए का इंतजार कर रही है, युवा वर्ग 5 लाख नौकरियों का इंतजार कर रहा है, लोग 300 यूनिट बिजली फ्री का इंतजार कर रहे हैं। मुझे तो लगता है कि ऐसा ना हो कि जनता इनके जाने का इंतजार कर रही हो।
मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम ने कहा
विधायक क्षेत्र विकास निधि आखिरी किस्त 50 लाख भी अभी तक यह सरकार जारी नहीं कर पाई है। यह किस्त जनवरी में जारी होनी थी पर अब तो फरवरी आ गया और योजना विभाग से हमारी बात हुई है तो कांग्रेस की सरकार इस किस्त को जारी करने में सक्षम नहीं है, योजना विभाग ने इसकी फाइल सीएम कार्यालय को भेजी है पर अभी तक वह फाइल वापस नहीं आई है। हिमाचल में दो सीमेंट फैक्ट्रियों पर ताला लगा है इससे हिमाचल प्रदेश को डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा घाटा हो चुका है पर सरकार अभी तक कोई ऐसा फार्मूला नहीं बना पाई है जिससे ट्रक ऑपरेटर और फैक्ट्री के मालिक हो या मैनेजमेंट के बीच में कोई तालमेल बैठ सके।
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जयराम ठाकुर ने कहा लोक निर्माण विभाग में टेंडर के पेमेंट को रोक दिया गया है ठेकेदारों को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने को कहा जा रहा है और उसके बाद ही उनकी बची हुई पेमेंट को रिलीज करने को कहा है। ऐसा ही दूसरे विभागों में हो रहा है। कांग्रेस पार्टी तो अपने वादों से भी मुकर रही है आज मंत्री जगत सिंह नेगी ने तो यह कह डाला कि बागबान अपनी फसलों का रेट तय नहीं कर पाएंगे पर अगर वह अपना घोषणा पत्र पढ़े और 10 गारंटी का पत्र पढ़े तो उसमें उनकी एक गारंटी यह भी है कि बागवान अपने फसलों का रेट खुद तय करेंगे, इस सरकार का मार्ग प्रशस्त किस तरफ है जनता देख रही है और बड़ी जल्दी जनता इस सरकार को मार्ग दिखाएगी।
पूर्व सीएम ने कहा आज कर्मचारी साफ कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में परिस्थिति अच्छी नहीं है, बीजेपी के समय में जब कोविड था तब भी कर्मचारियों की सैलरी समय पर दी गई थी एक भी दिन उसे लेट नहीं किया था।कांग्रेस पार्टी तो 2012 की वेतन विसंगति का भी जवाब नहीं दे पा रही है।अब तो यह सुनने में आ रहा है कि हिमाचल प्रदेश में 386 शिक्षण संस्थानों को भी बंद करने की चर्चा चल रही है उसको लेकर कैबिनेट को भी केस भेज दिया गया है।अगर कांग्रेस पार्टी ने अपनी 10 गारंटियों को लागू करना है तो उसके लिए रिसोर्स मैनेजमेंट करें ना कि सरकारी संस्थानों को बंद करने का प्रयास करें अगर ओपीएस लागू करना है तो उसकी फार्मूला जनता के बीच लाए।