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हाईकोर्ट ने दिए करसोग के भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश
हिमाचल हाईकोर्ट ने करसोग तहसील के भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड तुरंत प्रभाव से जब्त करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सहकारी सभा के उप पंजीयक एवं एसडीएम को संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने का जिम्मा सौंपा है। अदालत ने सहकारी सभा के रजिस्ट्रार सहित भारद्वाज शिक्षण संस्थान और संस्थान के चेयरमेन धर्म पॉल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अदालत ने भारद्वाज शिक्षण संस्थान के सचिव के निलंबन प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की है।
अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही है सोसायटी
याचिकाकर्ता मितर देव ने भारद्वाज शिक्षण संस्थान पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया है। याचिका के माध्यम से अदालत के ध्यान में लाया गया कि वह भारद्वाज शिक्षण संस्थान सभा का सदस्य है और साथ ही सभा का सचिव भी है। भारद्वाज शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत है। आरोप लगाया गया है कि सोसायटी नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रही है। अदालत को बताया गया कि 9 जनवरी 2019 को सोसायटी के चेयरमेन ने 38 लाख रुपये में विक्रेय अनुबंध बनाया था। लेकिन बाद में किसी और सोसायटी के साथ लीज बना दी। इसके अतिरिक्त 12 दिसंबर 2022 और 2 फरवरी 2023 को चेयरमेन ने 45833 रुपये सोसायटी के खाते से लिए, जबकि चेयरमेन धर्म पॉल सोसायटी में प्रोफेसर के पद पर है। आरोप लगाया गया है कि जिन महीनों में चेयरमेन धर्म पॉल अनुपस्थित थे, उन महीनों के पैसे लिए गए है। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि चेयरमेन धर्म पॉल ने उन शिक्षकों को भी वेतन अदा किया है जो संस्थान में अनुपस्थित रहते हैं और अभिलाषी विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हैं। इन सभी आरोपों को लेकर याचिकाकर्ता ने सहकारी सभा के पंजीयक को शिकायत दी। 5 अप्रैल 2023 को संस्थान सोसायटी ने याचिकाकर्ता को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि उसकी सेवाएं तब तक निलंबित रखी जाएगी, जब तक कि वह पंजीयक से अपनी शिकायत वापिस नहीं ले लेता। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि भारद्वाज शिक्षण संस्थान और इसके चेयरमेन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताएं बरतने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाए।
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