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एसडीएम करसोग करेंगे बस हादसे की जांचः पांच शिमला रैफर, 4 करसोग अस्पताल में दाखिल
मंडी। आज सुबह करसोग के देहरी में हुए एचआरटीसी की बस हादसे की जांच एसडीएम करसोग करेंगे। डीसी मंडी ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि हादसा किसी लापरवाही से हुआ है या फिर तकनीकी खराबी के कारण।चालक ने स्टेयरिंग लॉक होने का कारण बताया है तो वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जहां हादसा हुआ वहां सड़क किनारे पत्थर गिरे हुए थे। लेकिन हादसे की असल वजह क्या रही, इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा। बहरहाल बस की तकनीकी जांच के लिए शिमला से विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और उन्होंने बस की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। हादसे में 40 के करीब लोग घायल हुए थे।
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एसडीएम करसोग ओम कांत ठाकुर से मिली जानकारी के अनुसार चालक और परिचालक सहित पांच घायलों को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया गया है जबकि चार घायलों का सिविल हास्पिटल करसोग में उपचार चल रहा है। बाकी लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। घायलों को फौरी राहत भी प्रशासन की तरफ से दे दी गई है और हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।
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करसोग के देहरी में आज सुबह दुर्घटना का शिकार हुई है एचआरटीसी की बस
वहीं, डीएसपी करसोग गीतांजलि ने बताया कि हादसे के सही कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी गई है। तकनीकी टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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बता दें कि आज सुबह मैंढी से करसोग आ रही एचआरटीसी की एक बस देहरी के पास हादसे का शिकार हो गई थी। यह बस सड़क से 300 फीट नीचे गहरी खाई में जा गिरी थी। पेड़ों की मदद से यह बस जंगल के बीच रूक गई नहीं तो ज्यादा नीचे जाती तो कई जानें जा सकती थी। करसोग के विधायक दीपराज सूचना मिलते ही करसोग पहुंचे और घायलों का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कहा की करसोग विधानसभा क्षेत्र के अंदर सभी जगह सड़कों की हालत खस्ता है। यही नहीं करसोग को हमेशा खटारा बसें ही भेजी जाती है, सरकार को ये प्रथा बंद करनी चाहिए।