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बरसात के मौसम में कैसा होना चाहिए आप का खानपान, यहां पढ़ें
बरसात का मौसम कई बीमारियां भी लेकर आता है। ऐसे में इस मौसम में अगर हम उचित पोषण और साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं तो हम आसानी से बीमारियों का शिकार बन जाते हैं। इसलिए समय में भोजन के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है ताकि हम तरोताजा व स्वस्थ रह सके। आइए जानते है कि बरसात में हमारा आहार कैसा होना चाहिए।
– बारिश के मौसम में बासी खाना खाने से बचें। हमेशा ताजा खाना खाएं। यह भी याद रखें कि भोजन आसानी से पचने योग्य होना चाहिए। गरिष्ठ और तला हुआ भोजन हानिकारक हो सकता है।
– इस मौसम में खाली पेट ना रहें और ना ही बिना कुछ खाए घर से बाहर निकलें। घर का बना खाना खाएं और अपने साथ भी ले जायें। लंच बॉक्स में सलाद होना चाहिए। अपने साथ पानी की बोतल लाना न भूलें।
– जितना संभव हो सके उतने अधिक फल खाएं। ये फल शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं। तरबूज, खरबूज, ककड़ी, संतरा, अंगूर, लीची आदि का सेवन करें। यह ना केवल शरीर में पानी की कमी को दूर करता है, बल्कि उसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
–चाय-कॉफी की जगह नींबू, शिकंजी, आम पना, लस्सी, छाछ आदि के साथ पानी अधिक पिएं।
– साल के इस समय वाइन, सेब और आंवले का मुरब्बा शरीर को चुस्त रखने में मदद करता है।
– बरसात के समय बैक्टीरिया और वायरस अधिक फैलते हैं। जिन फलों में चीनी की मात्रा अधिक होती है उनमें बैक्टीरिया पनपने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए ताजे फल ही खाएं। पहले से कटे हुए फल ना खाएं, सब्जियां भी ताजा ही खाएं।
– बारिश के मौसम में साफ पानी पीना बहुत जरूरी है। जब भी संभव हो मांसाहारी भोजन से बचें।
-बारिश में तला भूना खाना ना खाएं। दिन की शुरुआत में नाश्ते में पोहा, उपमा, इडली, ड्राई टोस्ट या परांठा खा सकते हैं। साथ में आप ब्लैक टी या ब्लैक कॉफ़ी एक साथ पी सकते हैं।
-बारिश के मौसम में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। खाना जल्दी पचता नहीं है। ऐसे में कोशिश करें कि लंच हल्का रखें। आपको उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों या वसायुक्त और मसालेदार सब्जियों से बचना चाहिए। इसकी जगह मूंग मसूर दाल, हरी सब्जियां, रोटी और सलाद खाएं। आप चाहें तो घर में बने ताजे पनीर से बनी छाछ या लस्सी पी सकते हैं।
-सेहत को दुरुस्त रखने के लिए शाम को हल्का खाना खाने की कोशिश करें। आप साथ में सूप भी पी सकते हैं और दलिया भी खा सकते हैं। इस मौसम के लिए खिचड़ी भी एक अच्छा विकल्प है.
– रात को सोते समय एक गिलास हल्दी वाला दूध पिएं। हां, आपको भोजन और दूध के बीच 1-2 घंटे इंतजार करना चाहिए। इसके बाद गर्म पानी पीकर सो जाएं। यह गले की समस्याओं और विभिन्न संक्रमणों से बचाता है।