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हिमाचल हाईकोर्ट ने ठोस कचरा संयंत्रों की जांच के दिए आदेश, 29 वकील चुने
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों (Solid Waste Plants) का निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट के 29 वकीलों (29 Advocates) का चयन किया गया है। अदालत ने इन सभी अधिवक्ताओं को प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों का निरीक्षण चार हफ्ते में पूरा करने के आदेश दिए हैं।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 11 सितंबर को निर्धारित की है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अदालती आदेशों के बावजूद भी कचरे का निस्तारण (Solid Waste Disposal) नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने अदालत को सुझाव दिया कि प्रदेश के सभी ठोस कचरा संयंत्रों का निरीक्षण किया जाना जरूरी है। इससे न केवल स्वच्छ वातावरण होगा बल्कि, अवैध डंपिंग (Illegal Dumping) से भी निजात मिलेगी। अदालत ने इस सुझाव की सराहना करने हुए यह आदेश पारित किए।
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कोर्ट ने इन्हें बनाया प्रतिवादी
अदालत के समक्ष हिमाचल के अलग-अलग हिस्सों से अपशिष्ट प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट स्थापित करने के लिए स्थल विवाद और अनुपचारित सीवरेज और ठोस अपशिष्ट की रिहाई से जुड़ी याचिकाएं दर्ज की गई है। अदालत ने इन मामलों में प्रमुख सचिव (वन), प्रधान सचिव (उद्योग), प्रधान सचिव (कृषि), प्रधान सचिव (जल शक्ति विभाग), प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), प्रधान सचिव (ग्रामीण विकास और पंचायती राज) और हिमाचल पथ परिवहन निगम को प्रतिवादी बनाया है। हिमाचल प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और इसके कार्यान्वयन पर अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश 59 शहरी समूह के साथ भारत का सबसे अच्छा शहरीकृत राज्य है।