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हाईकोर्ट ने मांगी फोरलेन की बहाली के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने भू कटाव से बाधित फोरलेन की बहाली के लिए परिवहन मंत्रालय की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी तलब की है। कोर्ट ने भारत के सॉलिसिटर जनरल को इस संबंध में शपथपत्र दायर करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 4 सितंबर को निर्धारित की है। कोर्ट ने हिमाचल में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआई) के अवैज्ञानिक तरीके से सुरंगें और राजमार्ग बनाने पर अदालत ने संज्ञान लिया है। हाल ही में भारी बारिश के शिकार हुए हिमाचल के राजमार्ग, खासकर चंडीगढ़ से शिमला और मनाली राजमार्गों को हुए नुकसान पर अदालत ने जवाब तलब किया है।
इंजीनियर की शिकायत पर अदालत ने लिया कड़ा संज्ञान
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विशेष रूप से चंडीगढ़-शिमला और चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूमि के कटाव से बाधित मार्गों को बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी तलब की है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 45 वर्ष के अनुभव वाले इंजीनियर की शिकायत पर अदालत ने कड़ा संज्ञान लिया है।
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श्यामकांत धर्माधिकारी की ओर से लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पहाड़ों के कटान से पर्यावरण को हो रहे नुकसान हो रहा है। प्रदेश में त्रुटिपूर्ण इंजीनियरिंग से बनाई जा रही भूमिगत सुरंगें, सड़कें और पुलों से पहाड़ों का अनियोजित उत्खनन किया जा रहा है। सड़कों में ढलान और अवैज्ञानिक तरीके से पुल और सुरंगों का निर्माण किया जाना नुकसान का कारण बनता है।