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महिलाओं ने बनाई पपीते की मिठाई, दिवाली पर घोलेगी मिठास, बाहरी राज्यों में भारी डिमांड
Last Updated on November 10, 2023 by Soumitra Roy
हमीरपुर। दिवाली त्योहार (Diwali Festival) को लेकर बिना घी और तेल के बनी मिठाइयों को बनाकर अपनी अलग पहचान बना चुकी नादौन विधानसभा के पंचायत भरमोटी खुर्द के न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की मिठाइयां (Sweets) स्वास्थ्य को तंदुरुस्त रखने के लिए भी काम कर रही है। वर्ष 2016 में शुरू हुए केवल पांच महिलाओं से कारोबार आज के समय में सौ से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी है और हर माह प्रति महिला आठ से दस हजार रुपए की आमदनी भी कमा रही है। वहीं, साल भर में स्वयं सहायता समूह के द्वारा 18 से बीस लाख रुपए का कारोबार कर रही है। आंवले की बर्फी, पपीता (Papaya) के पेडे, लौकी, कैंडी, कद्दू की बर्फी, के अलावा तरह तरह के आचार भी बनाए जा रहे है। जिन्हें खाकर हर कोई तारीफ करते हुए नहीं थकता है।
ये मिठाइयां सेहत के लिए लाभदायक
अपने तरह में अलग तरह की मिठाइयां तैयार करने में जुटी हुई महिलाओं के द्वारा अपनी मिठाई की मिठास हमीरपुर (Hamirpur) तक ही सीमित नहीं रही है बल्कि मिठाई की डिमांड (Demand of Sweets) हिमाचल के बाहर, पंजाब, दिल्ली, सूरजकुंड उत्तराखंड में भी है। न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्यों के द्वारा छोटी सी जगह पर मिठाइयां बनाने का काम किया जाता है और दिन रात एक करके स्वादिष्ट और पौष्टिक मिठाइयां तैयार की जा रही है। इस तरह की मिठाइयां सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि ज्यादातर मिठाईयां फलों से तैयार की जाती है।
बिना घी तेल की बनती है मिठाईयां
न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीना चंदेल ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र (Agricultural Science Center) में प्रशिक्षण लेने के बाद फलों से मिठाईयों के अलावा अचार चटनी बनाने के बारे में बताया गया था और इसके बाद लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट बनाने तैयार किए है। बिना घी और तेल के मिठाइयों को तैयार किया जाता है। जिन्हें लोग भी बेहद पसंद करते है। उन्होंने बताया कि पपीते, आंवला, लौकी, कद्दू की बर्फी सेहत के लिए लाभदायक है और कोरोना काल में शरीर कोहुमुनिटी बढाने काम भी करता है।
प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह
वहीं, रीना चंदेल, रेणु और रेखा ने बताया कि पिछले वर्ष दिवाली पर्व पर उन्होंने 14 क्विंटल पपीते से बनाई हुई मिठाइयां (Sweets of Papaya) सप्लाई की थी इस बार साडे 16 क्विंटल की डिमांड पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि न्यू आजीविका स्वयं सहायता समूह को प्रदेश भर में प्रथम स्थान मिला है। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूह को प्रदेश उद्योग विभाग द्वारा दूसरा स्थान दिया गया है जिस कारण उन्हें 75 हजार रुपये की नकद राशि भी मिली है। कृषि दूध से भी उन्हें सम्मानित किया गया है तथा मलाणा पावर कॉरपोरेशन की तरफ से उन्हें 19 लाख रुपए की मशीनरी प्रदान की गई है। ताकि अपने कार्य को और बढ़ावा दे सकें।