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हर मोर्चे पर “सुख” की सरकार होने का अहसास यूं दिलवाया-Video
बीत रहा एक साल सुख सरकार (One Year Completion of CM Sukhu Govt) ने पार कर ही लिया,ओपीएस से शुरू हुआ सफर आपदा से अपने दम पर निपटने से गुजरता हुआ इंतकाल के लंबित मामलों के निपटान से होता हुआ सौर ऊर्जा से कमाई का जरिया बनने तक पहुंच गया। सुख की ये सरकार सुख आश्रय योजना (Sukh Ashraya Yojana )लेकर आई तो अनाथ कहे जाने वाले बच्चों के सिर पर हाथ रखने के लिए सबसे पहले आगे आई। क्रिप्टो जैसे चंगुल में फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए भी इस सुख की सरकार ने ही कदम उठाए। इन बीत रहे 365 दिनों में ये तो (CM Sukhwinder Singh Sukhu) सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का कुशल नेतृत्व (Efficient Leadership) ही कहा जा सकता है कि बिना केंद्र की मदद के त्रासदी से बाहर निकलकर हर व्यक्ति के दुख दर्द को समझा और अपने दम पर ना केवल पैकेज घोषित किया बल्कि राहत मैनुअल में भी बदलाव कर दिया। ये सुख की ही सरकार है जिसने युवाओं के लिए इन 365 दिनों में कुछ करने की सोच पाली और ई टैक्सी की तरफ कदम बढा दिए। राज्य सरकार ई.टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है जो श्रम एवं रोजगार विभाग के माध्यम से प्रदान की जाएगी। यूं ही इसे सुख की सरकार नहीं कहा जा रहा,कुछ तो बीते एक साल में हटकर हो रहा है। इसलिए ही ये सुख की सरकार कहला रही है।
13 जनवरी 2022 को पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस
8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद 11 दिसंबर 2022 को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर सीएम शपथ ली थी, व्यवस्था परिवर्तन का नारा देते हुए 10 गारंटियों के सहारे कांग्रेस सत्ता में आई थी, जिनमें एक गारंटी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन (Old Pension) देने था, लिहाजा वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने 13 जनवरी को हुई अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस (OPS) देने का फैसला लेते हुए कर्मचारियों को तोहफा दिया। सीएम पद की शपथ लेने के अगले ही दिन उन्होंने विधायकों के वीआईपी ट्रीटमेंट पर कैंची चला दी, सीएम सुक्खू ने फैसला लिया कि दिल्ली और चंडीगढ़ स्थित हिमाचल सदन और हिमाचल भवन में विधायकों को आम आदमी की तरह ही 12 सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर कमरा दिया जाएगा। इसी तरह सीएम बनने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू सबसे पहले अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बड़ी योजना लेकर आए, जिसे सुख आश्रय कोष का नाम दिया गया है, सुख आश्रय योजना का लाभ प्रदेश के करीब 6 हजार अनाथ बच्चों को मिलना शुरू हो गया है। इसके तहत सरकार इन बच्चों की पढ़ाई से लेकर दूसरी हर जरूरतों को पूरा कर रही है।
ई.टैक्सी की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी
सीएम सुक्खू ने युवाओं की आवाज बनकर चयन आयोग में पिछली सरकार के वक्त हुई गड़बड़ी के मामले सामने आने पर कार्रवाई करते हुए 21 फरवरी को हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर दिया। यही नहीं सुक्खू सरकार ने साल 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रदेश में वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा। इसके लिए सीएम ने ई.बस, ई.ट्रक की खरीद पर 50 लाख तक और ई.टैक्सी (E-Taxi) की खरीद पर 50 फीसदी सब्सिडी देने का ऐलान किया है। प्रदेश की आय को बढ़ाने के लिए सुक्खू सरकार ने बजट में शराब की हर बोतल पर दूध सेस लगाने का ऐलान किया है, दूध सेस लगाने से सरकार को 120 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा। ये सुख की सरकार ही है जिसने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की तरफ कदम बढाए। सभी मेडिकल कॉलेजों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने की बात कही। इसी तरह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल (Rajiv Gandhi Day Boarding School) खोलने की तरफ कदम बढाए। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हिम गंगा योजना, 20 हजार मेधावी छात्राओं को स्कूटी के लिए 25 हजार सब्सिडी 40 हजार नव पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ देने की तरफ कदम बढाए। इन 365 दिनों में हिमाचल सरकार (Himachal Govt) यूं ही सुख की सरकार नहीं कहलाई।
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