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DrRajeshSharma/Jairamthakur/Himachal
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि sukhu सरकार की मंशा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पतन की तरफ ले जाने और उसके कांग्रेसीकरण करने की है। अगर मुख्यमंत्री और सुख की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कर सकती है तो वह शिक्षा का रोजगारोन्मुखी बनाएं तो बेहतर होगा। शिक्षा का कांग्रेसीकरण हम नहीं करने देंगे। सत्ता में आने के बाद से 3 साल में ही लगभग 2000 शिक्षण संस्थानों पर ताला लगाने वाली सरकार के मुंह से शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की बात निकलनी चाहिए लेकिन जिम्मेदार लोग शिक्षा के कांग्रेसीकरण की बात करते हैं जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड प्रदेश के छात्रों के शैक्षणिक योग्यता को परखने का माध्यम हैं, हिमाचल के नेताओं के अपनी ब्रांडिंग और आलाकमान की चाटुकारिता करने का नहीं। दुर्भाग्यवश यह पुस्तिका भी राजकीय प्रिंटिंग प्रेस के अलावा अन्यत्र जगह से प्रकाशित है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाल दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा एक पुस्तिका प्रकाशित करवाई गई। उस पुस्तिका को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में लिखे जाने का दावा किया गया है। इस पुस्तक को देखकर लगता है कि साहित्यिक नैतिकता को ताक पर रख दिया है। महान विचारकों के कथन को क्रेडिट तक नहीं दिया है। अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी जी का नाम पूरी पुस्तक में नहीं है। राष्ट्रीय एकता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार पटेल का जिक्र भी नहीं है। जिनके बिना आधुनिक भारत का जिक्र भी बेमानी है। पुस्तिका या उसके चैप्टर के लेखक का नाम तक नहीं लिखा गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि 72 पेज की उस पुस्तिका में 40 पेज कांग्रेस के नेताओं की शुभकामना संदेश से भरे हुए हैं। उससे भी हैरानी की बात यह है कि इस पूरी पुस्तिका में प्रदेश के शिक्षा मंत्री का संदेश कहीं नजर नहीं आ रहा है। इस पुस्तिका में शिक्षा विभाग के सचिव, निदेशक आदि के भी बधाई संदेश को स्थान नहीं मिल पाया है लेकिन कांग्रेस के महासचिव, कांग्रेस आला कमान के खासम खास नेताओं के बधाई संदेश प्रमुखता से प्रकाशित हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हिमाचल प्रदेश के पैसे से सरकार में बैठे कुछ लोग अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की जुगत लगा रहे हैं? गनीमत यह है कि पुस्तिका में कांग्रेस ने चुनाव चिन्ह नहीं डाला।
