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Fake App से मैसेज भेजकर #Himachal में कई लोगों से ठगे लाखों रुपए, शातिर गिरफ्तार
Last Updated on November 10, 2020 by
कुल्लू। देवभूमि हिमाचल में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुल्लू पुलिस (Kullu Police) ने साइबर क्राइम का एक नए तरह का अपराध का पर्दाफाश किया है। एसपी कुल्ल गौरव सिंह ने बताया कि पुलिस थाना मनाली में एक शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वो अमेजन कंपनी में मनाली में स्थित ऑफिस में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है और करीब 20 से 25 दिन पहले एक आदमी अमेजन कंपनी के दफ्तर मनाली में आया, उसने बताया कि उसने कोई लैपटॉप ऑनलाइन ऑर्डर कर रखा है और उसे वह लैपटॉप लेना है जिस पर कंपनी के कर्मचारी ने रिकॉर्ड चेक किया तो एक आर्डर आया हुआ था उस आर्डर को उस व्यक्ति को देने के समय *कैश ऑन डिलीवरी* का ऑप्शन दिया गया था उस आदमी से डिलीवरी ब्वॉय ने लैपटॉप लेने के एवज में कैश देने बात की। उस आदमी ने कहा कि उसके पास अभी कैश नहीं है और ना ही वह कोई गूगल पे इत्यादि चलाता है परंतु वह नेट बैंकिंग (Net banking) से डिलीवरी बॉय को 30,000 रुपए की रकम जो लैपटॉप की एवज में जानी है उसको वह दे सकता है। उस समय कंपनी के किसी कर्मचारी के पास या कंपनी का कोई ऐसा अकाउंट नंबर उपलब्ध नहीं था इसलिए डिलीवरी ब्वॉय ने अपना बैंक अकाउंट उसको दे दिया। उस लड़के ने 30,000 रुपए सेंड होने का एक मैसेज डिलीवरी ब्वॉय के मोबाइल पर भिजवाया जिसमें लिखा था कि 30,000 रुपए आपके खाते में जमा हो गए हैं।
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डिलीवरी ब्वॉय को भरोसा हो गया कि पैसे आ गए हैं और लड़के को लैपटॉप दिया गया और लड़का लैपटॉप लेकर चला गया। शाम के समय जब कंपनी ने हिसाब मांगा तो डिलीवरी बॉय ने सारा हिसाब किया और जब पैसे निकालने लगा तो पाया कि उसके खाते में तो वह पैसा आए ही नहीं। वह देख कर हैरान हो गया कि मैसेज आया है, लेकिन पैसा नहीं आया तो उसे लगा कि शायद इसका मोबाइल काम नहीं कर रहा है फिर उसने बैंक में जाकर पता किया एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की और पाया कि उसके खाते में 30,000 रुपए आए ही नहीं जिस पर उसे लगा कि शायद किसी टेक्निकल फॉल्ट की वजह से ऐसा हुआ होगा उसके पश्चात उसने उस आदमी को फोन करने की कोशिश की परंतु उस ने डिलीवरी ब्वॉय का मोबाइल नंबर ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद डिलीवरी ब्वॉय ने उसे ढूंढने का प्रयास किया परंतु कहीं भी उसकी जानकारी नहीं मिल पाई डिलीवरी ब्वॉय को लगा कि अब वह ठगा जा चुका है इसलिए उसने पुलिस में रिपोर्ट कर दी।
साइबर पुलिस (Cyber police) ने जब चेक किया तो पाया कि जो मैसेज डिलीवरी ब्वॉय को पैसे का भेजा गया था वह फर्जी है और एक ऐप से नकली तैयार किया गया है। कुल्लू पुलिस ने तुरंत आरोपी की तलाश शुरू की और इसे मनाली के एरिया से पकड़ा जिसने पूछताछ करने पर पुलिस को अपना नाम अरविंद बताया और आधार कार्ड भी दिखाया जो आरोपी की रिहाइश की गहन सर्च करने पर पता चला कि इसका असली नाम सौरव मित्रा पुत्र सुब्रत मित्रा निवासी जिला नाडिया वेस्ट बंगाल उम्र 30 है। जो आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की आरोपी की। अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि यह एक बहुत बड़ा ठग है और साइबर क्राइम का मास्टर है। उसने बिहार में एक लड़के के साथ 8 लाख रुपए की ठगी की है अपने आपको डिस्कवरी चैनल का एंपलाई बताता है और डिस्कवरी चैनल के नाम पर भी ठगी करता है इसने बिहार के गया में भी एक व्यक्ति के साथ ठगी की है इसने अपने आप को डिस्कवरी चैनल का डायरेक्टर बताया था और कुछ डॉक्यूमेंट भी उसको दिखाए थे इसके साथ-साथ इसमें शिमला में भी डिस्कवरी चैनल के लिए लोगों को काम करने के लिए धोखाधड़ी से शूट करवाए जो चितकुल में भी करवाए गए और उन लोगों का भी 3 लाख 30 हजार रुपया ठगा है, इसके पश्चात इसने किन्नौर के भी कुछ लोगों के साथ 4.5 लाख की ठगी की है।
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अभी तक प्राथमिक जानकारी हासिल की जा रही है कि इस ने किस तरह लोगों को शिकार बनाया है कहां-कहां शिकार बनाया है इसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की जा रही है अभी तक यह भी पाया गया है कि ठग बेहद शातिर है अच्छी इंग्लिश बोलता है और खुद को आईटीआई इंजीनियर (ITI Engineer) बताता है, कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान रखता है और हाल ही में मनाली में 10,000 रुपए महीना कमरा किराए पर लोगों को फ्रॉड करने की कोशिश कर रहा था और बता रहा था कि यह डिस्कवरी चैनल में काम करता है और प्रमोशन का काम लेकर लोगों के लिए ऐड कर रहा है। आरोपी इतना शातिर और चालाक है कि इसने अरविंद व्यक्ति के नाम से एक नकली आधार कार्ड बना रखा है जिसका प्रयोग करके यह मनाली में एक क्वार्टर लेकर रह रहा था इसका असली नाम सौरव मित्रा है जबकि सबको अपना नाम यह अरविंद बताता है यह नकली आधार कार्ड इसने चंडीगढ़ से बनवाया है। आरोपी के पास से निम्नलिखित रिकवरी अभी तक हुई है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने बोलेरो गाड़ी से सिम कार्ड दो मोबाइल फोन एक पेन ड्राइव से पासबुक दो चेक बुक 3 एटीएम कार्ड तीन आधार कार्ड बरामद की है। पुलिस ने मामले में 420 आईपीसी की धारा के तहत आरोपी को के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की है।