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LAC पर पीछे हटने के बाद China ने बताया क्यों किया ऐसा; NSA डोभाल कनेक्शन भी आया सामने
नई दिल्ली। भारत और चीन सीमा विवाद (India-China border dispute) के बीच सोमवार को खबर आई कि लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चूअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी में चीन ने 1.5 से 2 किमी तक अपने टैंट पीछे कर लिए हैं। भारतीय जवान भी पीछे आ गए और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच एक बफर ज़ोन बना दिया गया है। जिसके बाद अब इस मसले पर चीन का बयान सामने आया है। चीन के विदेश मंत्रालय इस विषय पर बयान जारी कर कहा कि भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत हुई है और तनाव को घटाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने जवानों को पीछे बुलाने की बात स्वीकारते हुए कहा है कि इनमें सैनिकों को वापस हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। वहीं दूसरी ओर चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की ओर से भी बॉर्डर पर तनाव कम होने की बात की गई है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारत और चीन की सेनाओं ने फ्रंट बॉर्डर से बैच के आधार पर सैनिक कम करने का निर्णय लिया है। इसमें दोनों देशों के बीच 30 जून को जो बैठक हुई थी, उसके बाद ये फैसला लिया गया है।
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डोभाल ने की थी चीनी विदेश मंत्री से बात; तब कम हुआ तनाव
वहीं सूत्रों की मानें तो सीमा बातचीत को लेकर भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष (विदेश मंत्री) वांग यी के बीच वार्तालाप के बाद दोनों देशों के सैनिक पीछे हटने पर सहमत हुए हैं। बतौर रिपोर्ट्स चीनी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने सबसे मजबूत कूटनीतिक हथियार का प्रयोग किया था। केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) को मोर्चे पर लगा दिया था और उन्होंने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ करीब दो घंटे तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की थी।
वांग ली ही चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी हैं। बतौर रिपोर्ट्स, अजित डोभाल ने अपने समकक्ष से बॉर्डर पर शांति स्थापित करने को लेकर बात की और आगे साथ में काम करने पर मंथन किया। दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं ना हों। इसी बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने को लेकर मंजूरी बनी।’ बातचीत के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत दिखे कि जल्दी से जल्दी से विवादित क्षेत्र से सेनाएं पीछे हट जाएं और वहां शांति बहाली हो जाए। दोनों पक्ष इसके लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब मौजूद सैनिकों के जल्द हटाने पर भी हामी भरी। भारत और चीन ने चरणबद्ध तरीके से LAC के करीब से सैनिकों को हटाने की बात कही।