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लो सुनोः ऊना में इन मंत्री जी ने कामगारों को बांट दीं टूटी-फूटी साइकिलें
ऊना। मंत्री जी के हाथों कामगारों को साइकिल ( cycles) बांटें चंद मिनट भी नहीं हुए थे कि बांटी गई साइकिल की क्वालिटी ( Quality) पर सवाल उठने शुरु हो गए। हाल ये था कि कई के टायर फ़टे हुए थे, तो कइयों की चेन टूटी हुई थी। कुल मिलाकर कहें तो हर साइकिल में कुछ न कुछ टूटा था। सीधे-सीधे कहें तो क्वालिटी के नाम पर कामगारों के कबाड़ पकड़ा दिया था। मजेदार बात सुनिए जब लाभार्थियों ने घटिया क्वालिटी को लेकर श्रम विभाग( Labour Department) के सामने सवाल उठाए तो अधिकारियों ने भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड पर ठीकरा फोड़ दिया।
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जाहिर है भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड( Building and Other Construction Workers Welfare Board) की ओर से 345 कामगारों को साइकिल बांटे गए। इस आयोजन में कृषि मंत्री विरेंद्र कंवर( Agriculture Minister Virendra Kanwar) के शिरकत की और साइकिलें बांटी। साइकिलें तो बंट गई लेकिन गणवत्ता की ओर न तो श्रम विभाग ने ध्यान दिया और न ही भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड ने। लिहाजा आयोजन के चंद मिनट बाद ही साइकिलों की घटिया क्वालिटी की शिकायतें आ गई। हाल ये था कि कई साइकिलों के टायर फ़टे हुए थे, तो कइयों की चेन टूटी हुई थी। कई साइकिलों में कोई न कोई चीज टूटी फूटी थी। कुल मिलाकर कहा जाए तो साइकिल की हालत इस प्रकार से थी कि कार्यक्रम स्थल से लाभार्थियों को साइकिल सड़क तक पहुंचाना भी गले की फांस बन गया था। किसी भी साइकिल में हवा तक नहीं भरी गई थी।
उधर लाभार्थियों का कहना था कि अगर सरकार को कोई सामान देना ही हो तो कम से कम उसकी गुणवत्ता ठीक होनी चाहिए थी। जब इस मामले को जिला श्रम अधिकारी पीएस चम्ब्याल के समक्ष उठाया गया तो पहले तो वो खुद साइकिलों को देखने पहुंचे और खुद ही उन्हें ठीक करते नजर आये। वहीं श्रम अधिकारी का कहना है कि साइकिलें भवन एवं अन्य सनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा ही खरीदी गई और बोर्ड द्वारा विभाग को बांटने के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई साइकिल खराब है, तो उसे बदल कर लाभार्थियों को दिया जाएगा।
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