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एक बार रुद्राक्ष धारण करके तो देखिए पूरी होगी सभी मनोकामनाएं
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इस सृष्टि का निर्माण ब्रह्माजी द्वारा करवाया है। इसी वजह से हर युग में सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव का पूजन सर्वश्रेष्ठ और सबसे सरल उपाय है। इसके साथ शिवजी के प्रतीक रुद्राक्ष को मात्र धारण करने से ही भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए रुद्राक्ष असरदार कवच की तरह काम करता है। कुछ लोग नकारात्मक शक्ति का इस्तेमाल करके दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर कोई इंसान इस विद्या में महारत हासिल कर ले, तो वह अपनी शक्ति के प्रयोग से दूसरों को किसी भी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है, यहां तक कि दूसरे की मृत्यु भी हो सकती है। इन सभी स्थितियों में रुद्राक्ष कवच की तरह कारगर हो सकता है।
जब आप रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो यह आपके प्रभामंडल (औरा) की शुद्धि करता है। इस प्रभामंडल का रंग बिलकुल सफेद से लेकर बिलकुल काले और इन दोनों के बीच पाए जाने वाले अनगिनत रंगों में से कुछ भी हो सकता है। इसका यह मतलब कतई नहीं हुआ कि आज आपने रुद्राक्ष की माला पहनी और कल ही आपका प्रभामंडल सफेद दिखने लगे। अगर आप अपने जीवन को शुद्ध करना चाहते हैं तो रुद्राक्ष उसमें मददगार हो सकता है। जब कोई इंसान अध्यात्म के मार्ग पर चलता है, तो अपने लक्ष्य को पाने के लिए वह हर संभव उपाय अपनाने को आतुर रहता है। ऐसे में रुद्राक्ष निश्चित तौर पर एक बेहद मददगार जरिया साबित हो सकता है। निरंतर इसके धारण से औरा भी सही हो जाता है।
रुद्राक्ष कई प्रकार के रहते हैं। सभी का अलग-अलग महत्व होता है। अधिकांश भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं। इन्हें धारण करने के लिए कई प्रकार के नियम बताए गए हैं, नियमों का पालन करते हुए रुद्राक्ष धारण करने पर बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व इनका विधिवत पूजन किया जाना चाहिए इसके बाद मंत्र जप करते हुए इन्हें धारण किया जा सकता है।एक मुखी रुद्राक्ष, दोमुखी रुद्राक्ष, तीन मुखी रुद्राक्ष, चार मुखी रुद्राक्ष या पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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