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फॉरेंसिक सबूत का काम करेगी ये ऐप, चोट का फोटो देख कार्रवाई करेगी पुलिस
दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो घरेलू प्रताड़ना के शिकार होने के बावजूद भी अपनी बात पुलिस तक नहीं पहुंचा पाते हैं। अक्सर हम देखते हैं कि घरेलू प्रताड़ना (Domestic Violence) के शिकार हुए लोग अपनी बात सीधे रखने में कतराते हैं। अब इस समस्या को खत्म करने के लिए एक नई ऐप लॉन्च की गई है। ये ऐप पीड़ितों को कानूनी तौर पर मान्य सबूत को पुलिस तक पहुंचाने की सुविधा देगी।
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बता दें कि इस ऐप को ब्रिटेन (Britain) में ब्रिटिश टेक उद्यमी साइमन फ्रैंक ने डिजाइन किया गया है। फोन की होम स्क्रीन पर ये ऐप ऐप कैप्चर के रूप में दिखाई देगी। एंड्रॉइड (Android) और आईओएस यूजर्स को इस ऐप को हाइड करने के तरीके भी बताए जाएंगे। इस ऐप पर ली गई तस्वीरें मान्य मानी जाएंगी, जो कि हिंसक अपराधों के सबूत जमा करने में मदद करेगी।
ये है खासियत
इस ऐप की मदद से पीड़ित अब जब चाहे यह रिपोर्ट साझा कर सकेंगे। ऐप पर अपलोड हुए सबूत एक बयान के रूप में सामने आता है, जो सिविल और क्रिमिनल कोर्ट कार्यवाही में काम आएगा। खास बात ये है कि ऐप को डिलीट करने पर भी अपलोड डेटा नष्ट नहीं होता है। किसी को अंदेशा ना हो इसके लिए पीड़ित चाहें तो डेटा अपलोड करके ऐप डिलीट कर सकते हैं। पीड़ित चाहें तो ऐप में अपना मेडिकल रिकॉर्ड (Medical Records) भी जोड़ सकते हैं।
ऐसी करी होगी रिकॉर्डिंग
पीड़ित को ऐप की मदद से पैमाने वाले कार्ड को पकड़कर फोटो लेनी होगी। यह कार्ड चोट की श्रेणी को बताता है कि पीड़ित को किस स्तर की चोट लगी है और ये तस्वीरें फोरेंसिक (Forensic) साक्ष्य के रूप में मान्य होती हैं। हालांकि, अगर कोई विवाद है तो इन तस्वीरों की समीक्षा मेडिकल एक्सपर्ट से करवाई जा सकती है। ध्यान रहे कि सामान्य कैमरे या मोबाइल से ली गई फोटो में पैमाना शामिल नहीं होता है।