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केंद्र सरकार ने सुलझाई शिमला में पानी की समस्या, 492 करोड़ की जलापूर्ति परियोजना स्वीकृत
शिमला। केंद्र सरकार ने हिमाचल की राजधानी शिमला (Shimla) शहर पर लग रहे पानी के जख्मों पर 492 करोड़ का मरहम लगाया है। इससे शहर में पानी की समस्या (Water Problem) खत्म हो सकती है। यह जानकारी शनिवार को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Minister Suresh Bhardwaj) ने दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के तकनीकी विंग ने शिमला नगर निगम क्षेत्र के तहत जलापूर्ति सेवाओं में सुधार के लिए 492 करोड़ रुपए की सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि शिमला जलापूर्ति एवं सीवरेज सेवा वितरण कार्यक्रम के तहत ग्रेटर शिमला में जलापूर्ति योजनाओं के सुधार के लिए 1825 करोड़ रुपए वित्तीय परिव्यय की परियोजना को विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि 1825 करोड़ रुपए की इस परियोजना में विश्व बैंक द्वारा 1168 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी तथा शेष 657 करोड़ रुपए हिमाचल सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिमला शहर (Shimla City) के लिए सप्ताह भर 24 घंटे जल उपलब्ध करवाने वाली जलापूर्ति परियोजना का मुख्य उद्देश्य नोन रेवेन्यू जल को कम करना, ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकी की शुरुआतए जलापूर्ति प्रणालियों को डिजिटल स्वरूप प्रदान करना और भारत सरकार तथा हिमाचल सरकार के मापदंडों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है तथा 31 अक्तूबर, 2022 तक सफल बोलीकर्त्ता को निविदा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह परियोजना वर्ष 2025 तक पूरी कर ली जाएगी तथा शिमला शहर के नागरिकों को सप्ताह भर 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित होगी।
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