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नई दिल्ली। पिछले साल लगातार सुर्खियों में रहे चिन्मयानंद रेप केस (Chinmayananda Rape Case) में बड़ा ट्विस्ट आ गया है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर बलात्कार (Rape) का आरोप लगाने वाली एलएलएम (LLM) की छात्रा अपने आरोपों से मुकर गई है। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली 24-वर्षीय लॉ छात्रा लखनऊ की विशेष अदालत में अपने बयान से पलट गई है। बकौल त्रिपाठी, छात्रा ने कहा कि उसने ‘शरारती-तत्वों के दबाव में’ आरोप लगाए थे। वहीं, आरोपों से मुकरने के चलते अभियोजन ने छात्रा पर मुकदमे की अर्ज़ी दाखिल की है।
छात्रा विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान अपना बयान देने के लिए उपस्थित हुई। छात्रा ने बयान में कहा कि उसने पूर्व मंत्री पर ऐसा कोई इल्जाम नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है। आरोपों से मुकरने के चलते अभियोजन ने पीड़िता को पक्षद्रोही घोषित कर दिया और उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत मुकदमे की एक अर्जी दाखिल की है। सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने अपनी अर्जी में कहा है कि बीते 9 अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान जानबूझकर इसने अपना बयान बदल दिया है और आरोपी के साथ समझौता कर लिया है।
कोर्ट ने अर्ज़ी स्वीकार करके छात्रा को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी महीने में जमानत दी थी। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर चिन्मयानंद ने कोर्ट में जमानत अर्जी दी थी। वहीं, अब पीड़ित छात्रा के बयान बदलने से पूर्व सांसद चिन्मयानंद को बड़ी राहत मिली है।
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