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#CITU का ऐलान- 30 को कार्यस्थलों पर होंगे प्रदर्शन, 7 और 8 जनवरी को होगा जेल भरो आंदोलन
शिमला। सीटू (#CITU) राज्य कमेटी ने 30 दिसंबर को कार्यस्थलों पर प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। साथ ही 7 और 8जनवरी को चक्का जाम होगा व गिरफ्तारियां दी जाएंगी।24 से 31 जनवरी तक प्रदेशभर में तीन जत्थे चलेंगे।आगामी विधानसभा सत्र (Vidhan sabha Session) में प्रदेशभर से हज़ारों मजदूर शिमला में हल्ला बोलेंगे। सीटू राज्य कमेटी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर मजदूरों के मुद्दों पर आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है। श्रम कानूनों (Labor Laws) को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं, आठ के बजाए बारह घंटे डयूटी करने के खिलाफ, कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी, भारी बेरोजगारी, मजदूरों के वेतन में कटौती, ईपीएफ (EPF) व ईएसआई की राशि में कटौती, किसान विरोधी तीन कानूनों व बिजली विधेयक 2020 के खिलाफ मजदूर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
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इसके अलावा न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये घोषित करने, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील (Mid Day Meal) व आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज पर वेतन देने, फिक्स टर्म, ठेका, पार्ट टाइम, टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाने, नई पेंशन नीति के बदले ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने, मनरेगा में दो सौ दिन का रोजगार देने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, हर आयकर मुक्त परिवार को 7500 रुपये की आर्थिक मदद देने ,हर व्यक्ति को दस किलो राशन की सुविधा की भी मांग की जाएगी।उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में मजदूरों व किसानों के इन मुद्दों पर 30 दिसंबर को प्रदेशभर में फैक्टरी, उद्योग, एसटीपी, होटल, रेहड़ी-फड़ी, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, ट्रांसपोर्ट, हाइडल प्रोजेक्टों, स्वास्थ्य, बिजली, निर्माण व मनरेगा आदि से संबंधित सैकड़ों कार्यस्थलों पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इसी कड़ी में आंदोलन को तेज करते हुए 7-8 जनवरी को ब्लॉक व जिला मुख्यालयों पर जेल भरो आंदोलन के तहत चक्का जाम व गिरफ्तारियां दी जाएंगी। आंदोलन के अगले पड़ाव में 24 से 31 जनवरी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में जत्थे चलाकर केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। इस दौरान शिमला (Shimla), कुल्लू व हमीरपुर (Hamirpur) से विभिन्न जिलों के लिए तीन जत्थे चलाए जाएंगे। आंदोलन के पहले चरण का समापन विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर मजदूरों के प्रदर्शन के रूप में होगा। सरकार को मजदूर मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा। बैठक में डॉ. कश्मीर ठाकुर, जगत राम, सुदेश कुमारी, रविंद्र कुमार, अशोक कटोच, केवल कुमार, प्रताप राणा, शिव कुमार द्विवेदी, गोपेन्द्र, राजेश ठाकुर, सर चंद, पदम् प्रभाकर, आशीष कुमार, एनडी रणौत, ओमदत्त शर्मा, दलजीत सिंह, बलबीर ठाकुर, कुलदीप सिंह, बाबू राम, बालक राम, किशोरी ढटवालिया, रामप्रकाश व मदन नेगी आदि मौजूद रहे।