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IGMC की मनमानी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में सीटू, किया प्रदर्शन
शिमला। IGMC के करीब 200 कर्मियों को नौकरी से बाहर (Sacking of More Than 200 Employees By IGMC) करने के मुद्दे पर सीटू (CITU) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शनिवार को शिमला के रिज मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे मुंह पर काली पट्टियां बांधकर मौन प्रदर्शन करके धारा 144 तोड़ दी। सीटू ने हल्ला बोल के बाद आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। सीटू ने चेतावनी दी है कि अगर नौकरी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों व कोविड कर्मियों को न्याय न मिला तो अगली कड़ी में जेल भरो आंदोलन, गिरफ्तारियां, चक्का जाम, राजभवन, ओक ओवर और सचिवालय तक मार्च होगा। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा और जिला कोषाध्यक्ष बालक राम ने कहा कि IGMC से 200 कोविड योद्धाओं (Covid Warriors) को नौकरी से निकालना मानवता को शर्मसार करने की घटना है। इसी तरह 24 सुरक्षा कर्मियों के नौकरी से बाहर करना देश के कानून का गला घोंटना है।
आउटसोर्स के ठेके में महाघोटाले का आरोप
विजेंद्र ने IGMC प्राइवेट कंपनी को सिक्योरिटी गार्ड (Security Guards) उपलब्ध कराने के ठेके में महाघोटाले (Big Scam) का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पर कार्रवाई करने के लिए देश के राष्ट्रपति और पीएम को पत्र भेजकर जांच की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि टेक्नीकल बिड इवैल्यूएशन के 70 अंकों के आधार पर सिक्योरिटी गार्ड कम्पनी ठेके के लिए एप्लाई करने के लिए भी पात्र नहीं थी, क्योंकि उसके 70 में से शून्य अंक हैं। ठेके के लिए वर्ष 2019 से हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (IT Return) भरना अनिवार्य था, परन्तु कम्पनी सितम्बर 2020 में बनी तो फिर इसने वर्ष 2019 का आयकर कैसे भर दिया। कम्पनी को ठेके की शर्तों के अनुसार वर्ष 2017 से 2022 तक के पांच वर्षों में एक जगह पर 100 से अधिक व कुल 300 सुरक्षा कर्मियों से कार्य अनुभव (Experience) होना अनिवार्य था, परन्तु कम्पनी का कार्य अनुभव तो तीन वर्ष का भी नहीं है। कम्पनी को ठेका मिलना तो दूर की बात यह कम्पनी बिडिंग प्रक्रिया (Bidding Process) में शामिल होने के लिए भी पात्र नहीं थी। इस घोटाले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।