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Kullu : गड़सा घाटी में फटा बादल, भारी मलबे और पानी से निहारगडू तीर्थ स्थान तबाह
Last Updated on August 27, 2020 by Deepak
कुल्लू। जिला कुल्लू में कुदरत का कहर फिर बरपा है। गड़सा घाटी (Gadsa Valley) में निहारगडू तीर्थ स्थान के पास पहाड़ी पर बादल फटा है जिससे क्षेत्र में भारी तबाही मच गई है। इस स्थान पर देवता पवित्र स्नान करते हैं और साथ में 20 भादो के दिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी पवित्र स्नान करते हैं। बादल फटने (Cloudburst) के कारण क्षेत्र में आए भारी मलबे और पानी ने भारी तबाही मचाई है। पवित्र स्थल पूरी तरह से गाद, मलबे से भर गया है और लाखों की वन संपदा को भी नुकसान पहुंचा है। पहाड़ी से नीचे मलबा और पानी आ गया जिससे पवित्र स्थल पूरी तरह से तबाह हो गया है। पहाड़ी की तरफ से आए भारी मात्रा में मलबे की चपेट में कई देवदार और अन्य पेड़ भी आए हैं जिससे वन संपदा को भी लाखों का नुकसान हुआ है और साथ में देव समाज को भी काफी क्षति हुई है।
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सैंज घाटी की 14 पंचायतों का संपर्क कटा, सैकड़ों वाहन फंसे
दूसरी तरफ सैंज घाटी के पागल नाला में भी भारी मात्रा में मलबा और पानी आ गया है जिससे लारजी-सैंज मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। हालांकि विभाग ने यहां दो-दो मशीनें मार्ग को बहाल करने के लिए तैनात कर रखी हैं, लेकिन लगातार नाले में आ रहे मलबे और पत्थर के कारण मार्ग को बहाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में सैंज घाटी की 14 पंचायतों का संपर्क कटा हुआ है जिस कारण दोनों तरफ सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। गौर हो कि बुधवार को भी ऊझी घाटी के नग्गर के पास बादल फटा था जिससे छाकी नाला में बाढ़ आ गई थी। वहीं बादल फटने से आसपास के लोगों की जमीन और वन भूमि को भी भारी नुकसान हुआ। नाले में आई बाढ़ (Flood) का पानी अपने साथ चट्टानों के अलावा बड़े बड़े पेड़ों को भी बहा ले गया। वहीं, बादल फटने से ब्यास नदी का जलस्तर भी बढ़ गया। बादल फटने से नग्गर पंचायत के छाकी घड़ोपा सड़क का डंगा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे पांच गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
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