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बिजली परियोजनाएं- जयराम सरकार ने बेचे हिमाचल के हित, हम नहीं बिकने देंगे: सुक्खू
शिमला। हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र (Monsoon Session Of Himachal Assembly) के पहले दिन आपदा पर जबर्दस्त तरीके से घिरे विपक्ष को मंगलवार फिर एक सवाल के जवाब में सत्ताधारी दल के आक्रमण का सामना करना पड़ा है। बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो-टूक शब्दों में कहा कि जयराम ठाकुर की पिछली सरकार ने पन बिजली परियोजनाओं (Hydro Power Projects in Himachal ) में राज्य के हितों को बेचा। उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस की सरकार अब ऐसा नहीं होने देगी। उन्होंने सदन में कहा कि हम हिमाचल के हितों को बिकने नहीं देंगे।
प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक सुखराम चैधरी के मूल प्रश्न के उतर में सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने राज्य के हित बेचने का काम किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद राज्य की उर्जा नीति में आंशिक परितर्वन (Changed The Energy Policy) किया। पूर्व सरकार द्वारा पन बिजली परियोजनाओं में खत्म कर दी गई रॉयल्टी को बहाल करने का फैसला लिया है।
पिछली सरकार की गलतियों को सुधारा
पूर्व सरकार द्वारा इन्वेस्टर मीट में किए गए एमओयू में सतलुज जल विद्युत निगम और एनटीपीसी को दी गई धौलासिद्ध, सैंज और सुन्नी-लुहरी परियोजनाओं में रॉयल्टी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था। मौजूदा सरकार ने इसे बहाल करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण कर रही कंपनियों ने बिना अनुमति के ही काम शुरू कर दिया। यही नहीं, परियोजनाओं क्षेत्रों में लाडा को भी खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सतलुज जल विद्युत निगम को बिना अनुमति काम शुरू करने को लेकर नोटिस दिया है। साथ ही रॉयल्टी बहाल करने को लेकर भी एक और नोटिस दिया गया है। इसी तरह एनटीपीसी को भी नोटिस जारी (Notice Issued To NTPC) किए गए हैं। एनटीपीसी इस मुद्दे पर वार्ता के लिए तैयार हो गया है, जबकि एसजेपीएनल इस मुद्दे पर हाईकोर्ट गया और वहां से भी फैसला सरकार के पक्ष में आया है। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने सरकार के आदेशों को नहीं माना तो सरकार इन्हें आंबटित परियोजनाओं को वापिस लेकर इनका स्वयं निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सोलर व विंड पावर पॉलिसी में भी आंशिक बदलाव किया है।
सुक्खू बोले- सर्वे के बाद बंद किए सरकारी संस्थान
प्रश्नकाल (Question Hour Of Himachal Assembly) के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के मुद्दे पर भी जोरदार शोरगुल हुआ। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों को बंद करने को सरकार ने तमाशा बना दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ऐसे 1050 संस्थान बंद कर चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के लिए आपदा बन गई है। इसी मुद्दे पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दखल देते हुए कहा कि विपक्ष चाहे तो चर्चा ला सकता है। सरकार विस्तृत जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सर्वेक्षण के आधार पर संस्थान बंद किए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार जरूरत के हिसाब से और नियुक्तियां करके नए संस्थान खोलेगी, न की राजनीति लाभ लेने के लिए।
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जयराम सरकार ने सिर्फ 25% करुणामूलक नियुक्तियां दीं
विधायक केएल ठाकुर के एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि सरकार करूणामूलक आधार पर नौकरी देने के मामले का अध्ययन कर रही है। इसके लिए एक कमेटी गठित की गई है। सरकार ऐसे पदों को भरने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है और ऐसे मामलों में योग्यता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार के समय विभिन्न विभागों में करूणामूलक आधार पर नौकरियों के 1766 और निगम व बोर्डों में 734 मामले रद्द किए गए और पूर्व सरकार ने केवल 25 प्रतिशत मामलों में ही रोजगार दिया।