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कृषि कानून के खिलाफ #Congress का मार्च, रिज पर धारा 144 तोड़ लहराए पार्टी के झंडे, सरकार के खिलाफ नारेबाजी
Last Updated on September 28, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानून के खिलाफ जहां किसान संगठन देश भर में आंदोलन कर रहे हैं, वहीं हिमाचल कांग्रेस (Himachal Congress) ने भी कृषि कानून के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिमला (Shimla) में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रिज पर महात्मा गांधी की प्रतिमा से राजभवन तक पैदल मार्च किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर कानून को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस ने धारा 144 को तोड़ते हुए रिज पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और पार्टी के झंडे भी लहराए।
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2 अक्टूबर को ब्लॉक स्तर पर करेंगे धरना प्रदर्शन
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर (Kuldeep Singh Rathore) ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि सुधार कानून के खिलाफ 2 अक्टूबर को ब्लॉक स्तर पर धरना प्रदर्शन करेगी और 10 अक्टूबर को किसान सम्मेलन भी करेगी। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के अधिकारों को खत्म करने वाला काला कानून लाया गया है जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है। एक समय था जब विदेशों से अन्न का आयात होता था, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की नीतियों की बदौलत देश के किसानों ने आत्मनिर्भर हुए और विदेशों में भारत के अन्न का निर्यात होना शुरू हुआ।
मोदी सरकार ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए कृषि कानून लाया है। नए कृषि कानून में मंडियों को खत्म किया जा रहा है, न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और आंदोलन को तेज किया जाएगा। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा के के सहयोग दल भी बीजेपी की हकीकत को समझ रहे हैं तभी अकाली दल ने भी भाजपा का साथ छोड़ दिया है और आने वाले समय में बीजेपी का अस्तित्व खतरे में पड़ने वाला है अन्य दल भी जल्द पार्टी का साथ छोड़ देंगे।