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धर्मशाला। कांगड़ा जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के लिए साख का सवाल बन गया है। साख का सवाल बनना भी लाजिमी है, क्योंकि कांगड़ा हिमाचल का सबसे बड़ा जिला है। काफी हद तक सत्ता का रास्ता कांगड़ा किले से होकर ही गुजरता है। एक तरफ जहां बीजेपी सदस्य संख्या के अनुसार कांगड़ा जिला परिषद पर कब्जे का दावा कर रही है तो वहीं कांग्रेस ने भी अध्यक्ष (President) और उपाध्यक्ष (Vice President) पद पर प्रत्याशी खड़े करने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि परिणाम चाहें जो भी हो, लेकिन वह प्रत्याशी जरूर खड़े करेंगे। वहीं, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले बीजेपी और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी कड़ी निगरानी के बीच धर्मशाला में डट गए हैं। बीजेपी समर्थित प्रत्याशी वन मंत्री राकेश पठानिया और त्रिलोक कपूर की निगरानी में शीला रोड स्थित एक निजी होटल में ठहरे हैं तो वहीं कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सिद्धबाड़ी के एक होटल में रूके हुए हैं। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के साथ कांग्रेस के बड़े नेता भी हैं।
बता दें कि जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए कल चुनाव होना है। पिछले कल जिला परिषद कांगड़ा (Zilla Parishad Kangra) के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव टल (Postponed)गया था। बैठक के लिए कोरम पूरा ना होने के चलते अब अगली बैठक पहली फरवरी रखी गई है। इसमें साधारण बहुमत से ही अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाएगा। यानी पहली तारीख को 27 सदस्यों की उपस्थिति में चुनाव हो जाएगा। इससे पहले पिछले कल की बैठक में 54 सदस्यीय जिला परिषद के कोरम के लिए 36 सदस्यों की मौजूदगी होनी जरूरी थी, लेकिन अंत समय तक बीजेपी समर्थित 33 सदस्य ही पहुंच सके। जबकि इससे पहले जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने दावा किया था कि उनके पाले में 34 सदस्य हैं, यानी उनमें भी एक कम रहा। सीएम जयराम ठाकुर मंडी से शुक्रवार को सीधे धर्मशाला पहुंचे थे और उन्होंने यहां पर जिला परिषद के सदस्यों से दो बार बैठक भी की थीं।
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