-
Advertisement
मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है शलजम का सेवन, पाचन तंत्र भी रहता है दुरुस्त
यह भी पढ़ें:झारखंड के घने जंगलों में पाया जाने वाला रुगड़ा सेहत के लिए होता है फायदेमंद
शलजम को मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है। इस कारण ब्लड सर्कुलेशन में ग्लूकोज की मात्रा को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्लोकोज के स्तर को बढ़ने से भी रोकता है। वहीं सॉल्यूबल फाइबर ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करते हैं और टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में प्लाज्मा लिपिड एकाग्रता को कम करते हैं। यानी कि शलजम लंबे समय तक पेट को भरा हुआ रखने में मददगार होता है। इस कारण अति कैलोरी के सेवन से भी बचा जा सकता है।
शलजम में एक एक्टिव पोटेंशियल कंपाउंड होने के कारण यह इंसुलिन डिग्रेडिंग एंजाइम के प्रभाव को रोकने में मदद करता है। यही मधुमेह के लिए जिम्मेदार भी होता है। साथ ही यह शुगर के लेवल को भी नियंत्रित रखता है। क्योंकि इसमें पाया जाने वाला एक अन्य संभावित यौगिक काम्फेरोल है जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाता है। जिससे ब्लड में शुगर लेवल एकदम से स्पाइक नहीं करता है। साथ हीए शलजम में मौजूद क्वेरसेटिन ब्लड शुगर लेवल (sugar level) को कम करता है और इंसुलिन सेंसेटिविटी में भी सुधार करता है।
वहीं शलजम का सूप भी पिया जा सकता है। यह सूप स्वादिष्ट तो होगा ही साथ में आपके शरीर को फिट रखने के लिए भी काफी अहम होता है। वहीं आप चाहें तो आप इसमें कुछ मसालों का भी समावेश कर सकते हैं। मगर यह उचित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। शलजम शरीर को हेल्दी बनाता है। इसमें विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स होते हैं। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। इसके साथ इसमें पोटेशियम भी पाया जाता है। इससे हड्डियां मजबूत रहती हैं। वहीं शलजम शरीर में कैंसर के खतरे को भी कम करता है। इसमेंमें ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं। साथ हीए ट्यूमर कोशिकाओं को रोकने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं। शलजम आंखों की रोशनी के लिए भी उचित होता है। वहीं फेफड़ों और कोशिकाओं की भी सुरक्षा करता है। वहीं इसके सेवन से पाचन तंत्र भी सही रहता है।