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आपदा में निराश्रित 3 बालिग बच्चों को डीसी कांगड़ा ने सौंपे 10-10 लाख के डाकघर खाते
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की आपदा (Himachal Rain Disaster) में निराश्रित (Destitute) हुए 3 बच्चों को डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने सोमवार को 10-10 लाख रुपए के डाकघर खाते सौंपे। कांगड़ा जिले में आपदा से कुल 9 बच्चे निराश्रित हुए हैं। इनमें से 3 बच्चे सोमवार को बालिग, यानी 18 साल के हो गए और उनका खाता भी एकल हो गया।
ये खाते “प्रधानमंत्री देख-रेख योजना” (PM Cares For Children) के तहत खुले थे। कोविड काल (Covid Period) में शुरू की गई इस योजना के तहत जो बच्चे प्राकृतिक आपदा में निराश्रित हो जाते हैं, उनके भविष्य की सुरक्षा के लिए 10 लाख रुपए की निधि वाले ये खाते खोले जाते हैं। डीसी इन डाकघर खातों के संरक्षक (Patron) होते हैं। निराश्रित बच्चों के बालिग, यानी 18 साल का (At The Age Of 18 Year) होने तक उनका डाकघर खाता संयुक्त रहता है। 18 साल की आयु का होते ही बच्चे का खाता एकल हो जाता है।
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सीएम सुखाश्रय योजना का मिलेगा लाभ
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि यह धनराशि डाकघर में जिलाधीश के साथ “संयुक्त खाते” (Joint Account) के रूप में जमा रहती है। जिलाधीश इन बच्चों के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि खाताधारक के 18 वर्ष से 23 चर्ष की आयु का होने तक केन्द्र सरकार समय-समय पर राष्ट्रीय बचत योजना पर लागू ब्याज दर के हिसाब से रकम जमा करेगी। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में कोविड महामारी से कुल 9 बच्चे अनाथ हुए थे। इन सभी बच्चों के सरंक्षक के रूप में जिलाधीश “संयुक्त खाताधारक” हैं। डॉ. निपुण जिंदल ने इन बच्चों को सीएम सुखाश्रय योजना के अन्तर्गत लाभान्वित करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।