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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा, जुर्माना भी लगाया
धर्मशाला। नाबालिग से दुष्कर्म (Rape) के दोषी को अदालत (Court) ने दोष सिद्ध होने पर 10 साल के कठोर कारावास व 20 हजार रुपयेो जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा ना करने पर दोषी को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। विशेष अदालत धर्मशाला के न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने यह फैसला सुनाया है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायावादी राजेश वर्मा ने बताया कि 27 अक्तूबर, 2015 को इस सबंध में पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज हुआ था। पुलिस थाना में अक्षय कुमार उर्फ मांडा उर्फ पंकू निवासी गांव परौन सियोह तहसील धर्मपुर जिला मंडी (Mandi) के खिलाफ नाबालिग के परिजनों ने ममाला दर्ज करवाया था। पुलिस को दिए बयान में नाबालिग ने बताया कि 27 अक्तूबर को वह अपनी मासी के घर जा रही थी। इस दौरान जब वह सड़क पर पैदल जा रही थी, तो अक्षय कुमार जोकि उसकी बहन की कक्षा में ही पढ़ता था ने उसका रास्ता रोक लिया और हाथ पकड़ लिया।
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आरोपी द्वारा उसके साथ जबरदस्ती की जाने लगी तो उसने इसका विरोध किया जिस पर आरोपी ने उसके साथ हाथापाई की। पीड़ित नाबालिग ने अपने ब्यान में कहा कि इसके बाद वह उसको खींच कर वहां पर स्थित एक बंद दुकान के पीछे झाड़ियों में ले गया और जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक सबंध बनाया। नाबालिग ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसको सड़क पर छोड़ दिया तथा वह अपने गंतव्य की ओर जाने लगी तो आरोपी दोबारा एक कार में अन्य दो युवकों के साथ वहां फिर से आ गया और उसको जबरदस्ती कार (Car) में बैठा लिया। इसी दौरान पीड़िता के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार वहां पर आ गए और उसको वहां से छुड़ा लिया, जिस पर नाबालिग ने घर जाकर उसके साथ हुए मामले की पूरी जानकारी अपनी माता को बताई। इसके बाद आरोपी अक्षय कुमार के खिलाफ पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 20 गवाह पेश किए गए जिसके आधार पर विशेष अदालत ने आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर उसको 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला न्यायावादी राजेश वर्मा, उप-जिला न्यायावादी एलएम शर्मा तथा विशेष अभियोजक आरडी चौधरी द्वारा की गई।