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हिमाचल: फैक्ट्री प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच हंगामा, मारपीट के साथ चले पत्थर; दो घायल
Last Updated on March 20, 2022 by Vishal Rana
गगरेट। हिमाचल के ऊना जिला में कास्मेटिक साबुन फैक्ट्री प्रबंधन (Cosmetic Soap Factory Management) और ग्रामीणों के बीच विवाद (Dispute) हो गया। इस विवाद में प्रदर्शनकारियों ने एक व्यक्ति की जमकर पीटाई कर डाली। जिसे छुड़ाने आई पुलिस पर भी पथराव किया गया। जिसमें एक पुलिस कर्मी सहित दो लोग घायल हो गए। हालांकि स्थिति को भांपते हुए जिला प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और स्थिति को नियंत्रण में ले लिया। मामला ऊना जिला के जिला ऊना (Una) के हरोली ब्लाक के औद्योगिक क्षेत्र में एक कास्मेटिक साबुन फैक्ट्री के बाहर हुआ है। ग्रामीणों की ओर से उद्योग के सामने प्रदर्शन किया जा रहा था जो बाद में उग्र हो गया। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन कर रहे लोगों से एक स्थानीय व्यक्ति ने जब बातचीत करनी चाही और एक ट्रैक्टर को रोककर बातचीत करने लगा। इसी बीच अन्य प्रदर्शनकारी इस बातचीत से भड़क गए और उन्होंने उक्त व्यक्ति पर लात घूंसों की बरसात कर दी। पुलिस इस झगड़े को शांत करने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी, तो लोगों ने पथराव कर दिया। इसमें केवल सिंह फर्स्ट आईआरबी बटालियन के सिपाही को पत्थर लग गया।
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यहा जाने क्या है मामला
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि यह साबुन फैक्टरी पराली जलाती है और उससे निकलने वाले धुएं से यहां का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। दूसरा आरोप यह है कि इस उद्योग की ओर से बड़े स्तर पर पराली खरीदने से पशुओं को चारे की किल्लत आती है और उन्हें महंगा चारा खरीदना पड़ता हैए जबकि उद्योग ने इसका जवाब ये दिया कि वो लोग सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर कार्य कर रहे हैं और प्रदूषण भी तय स्थिति से आधा है। जिसकी जांच प्रदूषण विभाग समय.समय पर करता है। वहीं पराली को दाम देकर खरीदा जा रहा है। सूत्रों की माने तो पंजाब का एक धार्मिक बाबा इस पूरे विवाद का कारण है। बाबा ने उद्योग प्रबंधन से एक गाड़ी पराली की गोशाला के लिए मांगी थी वो उद्योग ने दे दी। इसके बाद ऐसा दो तीन बार हुआ। लेकिन बाद में उद्योग प्रबंधन ने पराली देने में असमर्थता दिखाई। इसके बाद यह विवाद शुरू हो गया।
विवाद में कांग्रेस भी हुई शामिल
जिला ऊना के गोंदपुर जयचंद में उद्योग प्रबंधन और ग्रामीणों के बीच चल रहे विवाद में कांग्रेस भी कूद पड़ी है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) के पैतृक गांव में उद्योग प्रबंधन और ग्रामीणों में पराली जलाने को लेकर चल रहा विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं, रविवार को ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस (Congress) के जिला अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणों का साथ देने के लिए मौके पर जा पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि यह उद्योग करीब 15 वर्ष से यहां पर चल रहा है और इस से लेकर किसी को कभी भी कोई भी परेशानी नहीं रही है, लेकिन अब इस उद्योग में पराली जलाने का क्रम शुरू कर दिया गया है जिसके चलते ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पराली जलाने से उठने वाला धुआं न सिर्फ हिमाचल बल्कि पंजाब के भी कई इलाकों में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।
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