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इस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी, व्रत रखने से सभी कष्ट होंगे दूर
भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को सालभर जन्माष्टमी (Janmashtami) का इंतजार रहता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस साल 18 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) की विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है।
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बता दें कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि के दिन हुआ था। जन्माष्टमी के दिन पूरे देश में घरों और मंदिरों को लाइटों और गुब्बारों से सजाया जाता है। इसके बाद रात को 12 बजे श्री कृष्ण भगवान के जन्म के समय उनको स्नान करवा कर तैयार किया जाता है। इसके बाद उनकी आरती कर उन्हें भोग लगाया जाता है।
दूर होते हैं कष्ट
माना जाता है कि सच्ची श्रद्धा से व्रत रखने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही साथ भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
सौभाग्य की प्राप्ति
गौरतलब है कि जन्माष्टमी के दिन पूजा-पाठ, व्रत, आरती और मंत्र जाप आदि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की कृपा से सौभाग्य, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इन मंत्रों का करें जाप
जन्माष्टमी के दिन मंत्र जाप के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। जन्माष्टमी के दिन हमें इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ॐ श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा।
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा
ॐ देविकानन्दाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ॐ श्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री
कृं कृष्णाय नमः
गोकुल नाथाय नम:
हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन। आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन
ओम क्लीम कृष्णाय नम:
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।