- Advertisement -
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के फैकल्टी डॉ बस्कर बक्थावाचलू ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क के नए सदस्य चुने गए हैं। ‘एक्सीलेंस इन लाइफ साइंसेज (ईएमबीओ)’ ने आठ नए सदस्यों का ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क में चयन किया है। चिली, भारत, सिंगापुर और ताइवान में लैब तैयार कर चुके समूह के युवा ग्रुप लीडर जनवरी 2023 से आर्थिक सहायता और विभिन्न प्रशिक्षण और नेटवर्किंग की सुविधाएं प्राप्त करेंगे। ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर अवार्ड जीवन विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत युवा ग्रुप लीडरों के लिए बहुत प्रतिष्ठित सम्मान है। डॉ. बस्कर बक्थावाचलू आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एवं बायोइंजीनियरिंग के फैकल्टी हैं। उनका ग्रुप न्यूरोडीजेनरेटिव बीमारियों के सेलुलर मैकेनिज्म को समझने में लगा है। ग्रुप की विशेष अभिरुचि यह जानने में है कि आरएनए-बाइंडिंग प्रोटीन में जेनेटिक म्युटेशन से किस तरह मस्तिष्क में विषैला प्रोटीन जमा होने लगता है, जिसके चलते न्यूरोनल मृत्यु होती है जो एमियोट्रोफिक लैटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) जैसी कई न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों में देखी गई है। डॉ. बस्कर बक्थावाचलू का लैब ऐसे मैकेनिज्म को समझने के लिए बतौर मॉडल ड्रोसोफिला और इंड्यूस्ड प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल (आईपीएससी) का उपयोग करता है और न्यूरो डीजेनरेशन रोकने या टालने के लक्ष्य से संभावित दवाओं का पता लगाता है।
चयन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. बस्कर बक्थावाचलू ने बताया कि यह पुरस्कार हमारे परिश्रम का सम्मान है। ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क में शामिल होने से नेटवर्किंग के कई द्वार खुलते हैं। खासकर मेरे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे जो अब पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों से संपर्क कर पाएंगे। चार वर्षों के दौरान नए ग्लोबल इनवेस्टिगेटर अपने नेटवर्क और रिसर्च पोर्टफोलियो बनाने और विस्तार करने में आर्थिक सहायता प्राप्त करेंगे। इस राशि से वे नई पद्धतियां और टेक्निक जानने या फिर प्रयोग करने के लिए अपने कार्य क्षेत्र और इसके बाहर भी अन्य संस्थान जा कर सहयोग करार कर पाएंगे। उन्हें वैज्ञानिक बैठकों में भाग लेने या आयोजित करने और ईएमबीओ लीडरशिप और प्रबंधन प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भी आर्थिक सहायता उपलब्ध होगी। इस प्रोग्राम का उद्देश्य यूरोपीय वैज्ञानिकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना ही नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना भी है और इस तरह यूरोप के बाहर भी ईएमबीओ समुदायों को बढ़ावा दिया जाएगा।फियोना वाट, निदेशक, ईएमबीओ ने कहा, ‘‘हम चुने गए नए सदस्यों को ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर बनने की बधाई देते हैं और हमें विश्वास है कि वे इस प्रोग्राम से बहुत कुछ सीखेंगे और अपनी दिलचस्पी के काम में प्रगति करेंगे।’’
IIT-Mandi
नए ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा होंगे जिसमें 700 से अधिक वर्तमान और पूर्व ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर, इंस्टालेशन ग्रांटीज़ और यंग इन्वेस्टिगेटर शामिल हैं। ईएमबीओ ग्लोबल इन्वेस्टिगेटर नेटवर्क में प्रवेश के लिए आवेदक का उत्कृष्ट वैज्ञानिक ट्रैक रिकॉर्ड और एक से छह साल तक अपने रिसर्च ग्रुप के मार्गदर्शन का अनुभव होना चाहिए। आवेदक को ईएमबीसी एसोसिएट सदस्य राज्य (वर्तमान में भारत और सिंगापुर) या ऐसे देश (वर्तमान में चिली और ताइवान) या क्षेत्र में शोध करना होगा जो ईएमबीसी के सहयोग करार के दायरे में शामिल हैं।नेटवर्क की शुरुआत 2019 में की गई थी और इस साल सफल आवेदकों का यह ग्रुप ग्लोबल इन्वेस्टिगेटरों का चौथा समूह है। इस बार कुल 43 आवेदनों के साथ 2022 की सफलता दर 19 प्रतिशत दर्ज की गई। इसके बाद प्रवेश के लिए आवेदन की समय सीमा 1 जून 2023 है।
- Advertisement -