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#Corona संकट में फीका रहा #Dussehra, पुतले तो जले पर औपचारिकता ही निभाई
Last Updated on October 25, 2020 by Deepak
शिमला/धर्मशाला। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश भर में रविवार को दशहरा उत्सव (Dussehra festival) मनाया गया। हालांकि कोरोना (Corona) के चलते इस बार सभी जगहों पर दशहरा उत्सव सांकेतिक तौर पर मनाया गया, लेकिन फिर भी लोगों में इसको लेकर खासा उत्साह रहा। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए दशहरा उत्सव में किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया। कई स्थानों पर तो रामलीला का भी मंचन नहीं हुआ। सिर्फ परंपरा निभाने को लेकर दशहरा उत्सव में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए।
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राजधानी शिमला (Shimla) में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ऐतिहासिक हनुमान मंदिर जाखू में पूजा अर्चना की और रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतलों को अग्नि देकर सादे ढ़ंग से दशहरा पर्व मनाया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि बीते वर्षों के मुकाबले इस वर्ष कोरोना महामारी के मद्देनजर सादगी भरा दशहरे का आयोजन हनुमान मंदिर जाखू में किया गया। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी विशेष मानक संचालन प्रक्रिया का भी पालन किया गया। उन्होंने बताया कि यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीतए असत्य पर सत्य तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।
विशाल नेहरिया और डीसी राकेश कुमार ने की पूजा अर्चना
इसी तरह से जिला कांगड़ा के नगर परिषद ग्राउंड और धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में भी सादे रूप से दशहरा उत्सव मनाया गया। कांगड़ा में पुतले भी मात्र 6 से सात फीट के बनाए गए थे। इसी तरह से पुलिस ग्राउंड धर्मशाला (Police Ground Dharamshala) में कोविड-19 के प्रोटोकॉल की अनुपालना करते हुए विधायक विशाल नेहरिया और डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने सांकेतिक तौर पर पूजा अर्चना करते हुए दशहरा उत्सव की शुरूआत की। इस अवसर पर विशाल नेहरिया ने कहा कि विजयदशमी पर्व रावण पर प्रभु राम की विजय की स्मृति में मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। ऐसे पर्व संस्कृति और परंपराओं को सहेज रखने में काफी मददगार होते हैं। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन मूल्यों से जुड़ा यह त्यौहार नैतिकता और न्याय के महत्व को स्थापित करता है। डीसी राकेश कुमार प्रजापति (DC Rakesh Kumar Prajapati) ने कहा कि यह त्यौहार हमारी सास्कृतिक एकता को सुदृढ़ करता है और हमें अच्छाई के मार्ग पर प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए सभी लोग सामाजिक दूरी की अनुपालना सुनिश्चित करें।
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