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सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन (Electric Charging Station) स्थापित करने के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना लाइसेंस पब्लिक चार्जिंग स्टेशन खोल सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा।
पब्लिक चार्जिंग स्टेशन (Public Charging Station) खोलने के लिए जरूरी मानकों को चिन्हित किया गया है, जिनमें नागरिक, बिजली और सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों के लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर के मानदंड शामिल हैं।
पब्लिक चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए व्यक्ति को ऊर्जा मंत्रालय, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) द्वारा समय-समय पर निर्धारित मार्ग निर्देशों के तहत निष्पादन संबंधी मानदंडों और प्रोटोकोल के साथ-साथ टेक्निकल, सुरक्षा संबंधी मानदंडों व विनिर्देशों को पूरा करना होगा।
बता दें कि ओपन एक्सेस द्वारा किसी भी उत्पादक कंपनी से बिजली प्राप्त की जा सकती है। इस उद्देश्य के लिए सभी प्रकार से पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर खुली पहुंच प्रदान की जाएगी यानी उन्हें क्रॉस सब्सिडी के वर्तमान स्तर के लिए लागू अधिभार के बराबर, ट्रांसमिशन शुल्क और व्हीलिंग शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि, इसमें कोई अन्य अधिभार या शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
राज्य सरकार चार्जिंग स्टेशनों द्वारा लिए जाने वाले सर्विस चार्ज की उच्चतम सीमा तय करेगी। दरअसल, रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है। जिसके चलते कई मामलों में पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, समय-सीमा निर्धारित की गई है. जिसके तहत मेट्रो शहरों में 7 दिनों के अंदर, अन्य नगरपालिका क्षेत्रों में 15 दिनों के अंदर और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 दिनों के अंदर पीसीएस को कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। इन समय-सीमा के भीतर वितरण लाइसेंसधारी नया कनेक्शन प्रदान करेंगे या फिर मौजूदा कनेक्शन में सुधार करेंगे।
सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति के लिए टैरिफ एक सिंगल पार्ट टैरिफ होगा, जो कि 31 मार्च, 2025 तक आपूर्ति की औसत लागत से ज्यादा नहीं होगा। वहीं, टैरिफ बैटरी चार्जिंग स्टेशन के लिए लागू होगा। जबकि, घरेलू खपत के लिए लागू टैरिफ ही घरेलू चार्जिंग के लिए लागू होगा।
पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सरकारी एजेंसियों के पास उपलब्ध भूमि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को 1 रुपए प्रति यूनिट की रियायती दर पर दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने राज्य के स्वामित्व वाली संस्थाओं को पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने वाली निजी एजेंसियों को 1 रुपए प्रति यूनिट की न्यूनतम कीमत के साथ बोली लगाने के लिए जमीन की पेशकश करने की अनुमति दी है।
सरकार द्वारा 3 किमी X 3 किमी के ग्रिड में कम से कम एक चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा नेश्नल हाईवे व सड़कों के दोनों ओर 25 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन खोला जाएगा।
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